सरकार की तबादला नीति में कई खामियां : डीटीएफ
डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के प्रांत अध्यक्ष दिग्गविजय पाल शर्मा ने सरकरा की तबादला नीति की निंदा की है।
संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब
डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के प्रांत अध्यक्ष दिग्गविजय पाल शर्मा, प्रांतीय सचिव स्वर्ण सिंह औजला व प्रांतीय प्रेस सचिव गुरमीत सिंह कोटली ने कहा कि शिक्षा मंत्री व शिक्षा सचिव द्वारा देश के बाकी राज्यों के लिए रोड माडल के तौर पर पेश की जा रही तबादला नीति में खामियां भरपूर हैं। उन्होंने कहा कि गत समय में अध्यापकों द्वारा बदली अप्लाई करते वक्त उनके अंकों का पता चल जाता था लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। इसके बिना अपने जिलों से दूर दूसरे जिले में तैनात अध्यापक यदि जोन नंबर 1 से 3 में आते हैं तो उनका तबादला करना बेहद मुश्किल कार्य है। आपसी सहमति से होने वाली बदलियों में नंबरों की शर्त रखना योग्य अध्यापकों को नीति से बाहर रखने की कवायद है।
अध्यापक नेताओं ने आरोप लगाया कि इस बार बहुत कम अंकों वाले अध्यापक बदली करवा चुके हैं लेकिन अधिक अंकों वाले अध्यापक इससे वंचित रहे गए हैं। बहुत सारे अध्यापकों पर लगाई कम से कम दो वर्ष के स्टे की शर्त भी एसएसए रमसा 8886 अध्यापकों की सीनियारता को केवल अप्रैल 2018 से ही गणना बदली नीति की आंख को टेडे ढंग से देखने जैसा है।
नवचरनजीत कौर, जगवीरन कौर, बलवीर कौर, करनैल सिंह, लखवीर सिंह हरीके, सुखविदर सुक्खी, राम स्वर्ण लक्खेवाली ने कहा कि शिक्षा मंत्री से प्रत्येक अध्यापक को बिना शर्त बदली करवाने का मौका देने, संगठन से विभिन्न डैपूटेशनों के दौरान मानी मांगों को लागू करने, आनलाइन शिक्षा की आड़ में सीखने की प्रक्रिया से अध्यापकों की भूमिका को मनफी करने की निदा करते हुए कहा कि 25 अप्रैल के शिक्षा मंत्री के शहर में किए जाने वाले प्रांतीय स्तरीय रेाष प्रदर्शन में अध्यापक पहुंचेंगे।