बारदाने की कमी से किसान परेशान
गांव कोटली अबलू के फोकल प्वाइंट में बनी दाना मंडी में बारदाने की किल्लत है।
संवाद सूत्र, दोदा (श्री मुक्तसर साहिब)
गांव कोटली, अबलू के फोकल प्वाइंट में बनी दाना मंडी में बारदाना न होने के कारण किसान परेशान हैं। किसान कुलदीप सिंह, जसवीर सिंह, सुखपाल सिंह, मनिदर सिंह, नायब सिंह, सुखदेव सिंह, परमजीत सिंह, बलबीर सिंह, जसपाल सिंह, जस्सी सिंह ने बताया कि वह लगभग बीते दस दिनों से इस दाना मंडी में गेहूं बेचने के लिए बैठे, लेकिन बारदाना पूरी मात्रा में न होने के कारण वह परेशान हैं।
किसानों ने कहा कि सरकार तथा संबंधित विभाग की हिदायतों मुताबिक वह अपनी बिलकुल सुखी फसल मंडी में लेकर आएं, लेकिन फिर भी समय पर खरीद न होने के कारण उनको परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। समूह किसानों ने सरकार तथा प्रशासन से मांग की है कि संबंधित खरीद एजेंसियों को आदेश जारी करें कि दाना मंडी में जरुरी बारदाना भेजा जाए। मार्केट कमेटी गिद्दड़बाहा के मंडी सुपरवाइजर बलजीत सिंह ने कहा कि पहले से ही किसानों की समस्या को मुख्य रखते हुए खरीद एजेंसियों के अधिकारी को जरुरी बारदाने का प्रबंध करने के लिए कहा गया है। इनसेट
बारदाना आने पर दिया जाएगा : जुगनवीर सिंह
खरीद एजेंसी के अधिकारी पनसप के इंस्पेक्टर जुगनवीर सिंह ने माना कि दाना मंडी में बारदाने की कमी है, जिस हिसाब से उनके पास बारदाना आ रहा है वह उसे बांट रहे हैं। जल्द ही बी ग्रेड का बारदाना आने की संभावना है तथा जितना भी बारदाना आगे आएगा हर मंडी के हिसाब से बांट दिया जाएगा। --------------------- बारदाने का प्रंबंध कर गेहूं की लिफ्टिग जल्द करवाई जाएगी संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब
किरती किसान यूनियन की टीम ने जिला प्रधान बलविदर सिंह की प्रधानगी में थांदेवाला, झबेलवाली आदि मंडियों का निरीक्षण किया। नेताओं ने कहा कि उनके द्वारा किसानों से बातचीत करने पर पता चला है कि किसान कई दिनों से मंडियों में हैं। मंडियों में बारदाना न के बराबर है। किसान नेता बलविदर सिंह थांदेवाला ने वेयरहाउस इंस्पेक्टर वंदना से बातचीत की। उन्होंने विश्वास दिलवाया कि जल्द ही बारदाने का प्रबंध कर गेहूं की लिफ्टिग करवाई जाएगी। जसविदर सिंह झबेलवाली ने कहा कि सरकार की नीतियों के कारण आज किसान दिल्ली की सड़कों पर बैठने के लिए मजबूर हैं। इस दौरान किसान हरमंदर सिंह, बलजीत सिंह, जगसीर सिंह सहित अनेक किसान उपस्थित थे। किसानों ने सरकार विरोधी नारेबाजी भी की।