गर्भवती महिलाओं व बच्चों की मौत दर कम करना उद्देश्य
सिविल सर्जन डा. रंजू सिगला के अनुसार सीएचसी चक्क शेरेवाला में सेमिनार करवाया गया।
संवाद सूत्र, श्री मुक्त्सर साहिब
सिविल सर्जन डा. रंजू सिगला के अनुसार सीएचसी चक्क शेरेवाला के एसएमओ डा. सुनील कुमार बांसल की अगुआई में स्वास्थ्य विभाग की ओर से 17 सितंबर तक रोगी सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है। इस वर्ष का थीम है सुरक्षित मातृत्व और नवजात का स्वास्थ्य।
बीईई मनबीर सिंह ने कहा कि हमारे देश में गर्भावस्था के दौरान होने वाली गर्भवती और बच्चों की मौत दर बहुत ज्यादा है। कोरोना महामारी के समय गर्भवती होने वाली महिलाओं और पैदा होने वाले शिशुओं के स्वास्थ्य संबंधी विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। इस सप्ताह के दौरान मेटरनल सेफ्टी, न्यू बोर्न सेफ्टी, मेडिकेशन सेफ्टी, एबुलेटरी केयर, रेडिएशन सेफ्टी, फायर सेफ्टी के बारे में जागरूक करने के लिए ब्लरक अधीन आते गांवों और सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं में गतिविधियां की जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि शिशु और मातृत्व मृत्यु दर को कम करने के लिए गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार, कोरोना का टीकाकरण और समय पर जांच करवाना और संस्थागत डिलीवरी करवाने और बच्चे का संपूर्ण टीकाकरण नियमित समय पर करवाने के बारे में बताया जा रहा है। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर फत्तनवाला में लगाए रोगी सुरक्षा सप्ताह के तहत लगाए गए जागरूकता कैंप में गुरमीत कौर, अमनदीप कौर ने गर्भवती महिलाओं को बताया कि किसी भी दुर्घटना या डिलीवरी के समय तुरंत 108 एंबुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचा जा सकता है। गर्भावस्था के दौरान या डिलीवरी के बाद भी किसी भी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के लिए 104 हेल्पलाईन पर बात कर सकते हैं। जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत नार्मल और सिजेरियन डिलीवरी सरकारी संस्थाओं में निशुल्क की जाती है। जननी सुरक्षा योजना के तहत संस्थागत डिलीवरी होने पर गर्भवती को सात सौ रुपये उनके खाते में दिए जाते हैं। नार्मल और सिजेरियन डिलीवरी के दौरान गर्भवती को सरकार की तरफ से डाइट भी दी जाती है और बच्चे का टीकाकरण राष्ट्रीय सारिणी के अनुसार निशुल्क किया जाता है। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर महाबधर में कैंप के दौरान गुरप्रीत कौर, हेल्थ वर्कर गुरमेज सिंह, सुनीता, राज कला ने बताया कि इन दिनों चल रही मौसमी बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया, से बचाव पर भी ध्यान देना चाहिए।