रोडवेज कर्मियों ने चक्का जाम कर दो घंटे बस स्टैंड बंद रखा, लोग हुए परेशान

अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने की मांग को लेकर पंजाब रोडवेज मुलाजिमों ने प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 04:13 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 04:22 PM (IST)
रोडवेज कर्मियों ने चक्का जाम कर दो घंटे बस स्टैंड बंद रखा, लोग हुए परेशान
रोडवेज कर्मियों ने चक्का जाम कर दो घंटे बस स्टैंड बंद रखा, लोग हुए परेशान

जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब

अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने की मांग को लेकर पंजाब रोडवेज, पनबस एवं पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन की ओर से शुक्रवार को सुबह 10 से 12 बजे तक दो घटे बसों का चक्का जाम कर बस स्टैंड को बंद रखा गया। अस्थायी कर्मचारियों ने बस स्टैंड परिसर में धरना देकर राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की साथ ही मांग की पूर्ति तक अगले दिनों में अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान भी किया। कर्मचारियों के इस प्रदर्शन से दो घंटे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। निजी बसों को बस स्टैंड से बाहर निकाल दिया गया। इसके अलावा जहां बसें कम पड़ने से देर तक यात्रियों को प्राइवेट बसों का इंतजार करना पड़ा, वहीं महिला सवारियों को किराया भी अदा करना पड़ा।

बस स्टैंड में रोष प्रदर्शन करते हुए यूनियन के डिपो प्रधान हरजिदर सिंह एवं सचिव तरसेम सिंह ने कहा कि रोडवेज व पीआरटीसी के हजारों अस्थायी कर्मचारी पिछले 15 वर्षों से स्थायी करने की मांग कर रहे हैं। पहले पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह की ओर से उन्हें स्थायी करने का भरोसा दिया गया और उसके बाद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी तथा ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरिदर सिंह राजा वड़िग ने आश्वासन दिया। जब 36 हजार कर्मचारी पक्के करने का एक्ट बनाया गया, तो रोडवेज एवं पीआरटीसी कर्मियों को इससे बाहर रख दिया गया। अनिश्चितकालीन संघर्ष की चेतावनी देने पर फिर से उनकी 22 नवंबर को ट्रांसपोर्ट मंत्री राजा वड़िग के साथ बैठक हुई। जिसमें उन्हें भरोसा दिया गया कि एक दिसंबर की कैबिनेट मीटिग में इसका समाधान किया जाएगा लेकिन इस बैठक में भी उन्हें स्थायी करने के बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया। जिसके चलते ही उन्हें फिर से संघर्ष के लिए मजबूर होना पड़ा है। राज्य सरकार उनकी मांग के प्रति गंभीर नहीं है। सरकार झूठी वाहवाही लूटने की कोशिश कर रही है। उन्होंने अस्थायी कर्मियों को स्थायी करने और 10 हजार नई बसें डालने की मांग की। साथ ही उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर छह दिसंबर तक उन्हें स्थायी करने के बारे में ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो सात दिसंबर से प्रदेश भर में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की जाएगी। इस संघर्ष में अन्य संगठनों का सहयोग भी लिया जाएगा।

chat bot
आपका साथी