रोडवेज कर्मियों ने चार घंटे बंद किया बस स्टैंड, यात्रियों को झेलनी पड़ी परेशानी

अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने की मांग को लेकर रोडवेज कर्मियों ने प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 03:16 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 03:16 PM (IST)
रोडवेज कर्मियों ने चार घंटे बंद किया बस स्टैंड, यात्रियों को झेलनी पड़ी परेशानी
रोडवेज कर्मियों ने चार घंटे बंद किया बस स्टैंड, यात्रियों को झेलनी पड़ी परेशानी

जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब

अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने की मांग को लेकर दो दिवसीय काम के बायकाट के समर्थन में पंजाब रोडवेज पनबस कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन ने मंगलवार को चार घंटे बस स्टैंड का गेट बंद कर धरना दिया। उन्होंने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, वहीं आज बुधवार को इसी तरह चार घंटे धरना देने का एलान किया। रोडवेज कर्मचारियों के इस प्रदर्शन के चलते यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। उमस भरी भीषण गर्मी के बीच यात्री बस पकड़ने के लिए इधर-उधर भटकते रहे। खासकर छोटे-छोटे बच्चों के साथ ग्रामीण महिलाएं ज्यादा परेशान थीं। हालांकि रोडवेज कर्मचारियों ने हड़ताल नहीं की थी और बसें आम दिनों की तरह ही चलती रही, लेकिन सभी बसें बस स्टैंड के बाहर सामने सड़क पर अस्त व्यस्त खड़ी होने के कारण यह पता नहीं चल पा रहा था उनकी मंजिल की ओर जाने वाली बस कहां पर खड़ी है। बसों के कंडक्टरों की ओर से लगाई जा रही आवाज के बीच भी कुछ स्पष्ट पता नहीं चल पा रहा था। बसें काउंटर पर लगी होने पर यह परेशानी नहीं उठानी पड़ती। यात्रियों के परेशानी का यह सिलसिला चार घंटे तक बना रहा। दो बजे धरना उठने के बाद बस स्टैंड खुलने के बाद ही बसें काउंटर पर लगनी शुरू हुई।

पंजाब रोडवेज पनबस कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के प्रधान हरजिदर सिंह, सचिव तरसेम सिंह, खजांची लखबीर सिंह, उप प्रधान गुरमेल सिंह, हरिदरपाल सिंह के अलावा मनजीत सिंह, बलकार सिंह, गुरसेवक सिंह, मनदीप सिंह, गुरप्रीत सिंह, हरजिदर सिंह ने कहा कि बुधवार को भी सुबह दस बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक बस स्टैंड बंद रहेगा। कांट्रैक्ट वर्कर बस स्टैंड के अंदर धरना देकर राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। यूनियन के नेताओं ने पिछले पंद्रह वर्षों से अस्थायी तौर पर काम कर रहे करीब 10 हजार कर्मचारियों को पक्का करने की मांग की। इसके साथ ही रोडवेज और पीआरटीसी में 10 हजार नई बसें डालने और 2016 के काम बराबर वेतन के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने की मांग की।

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