हड़ताल से रोडवेज को दो दिन में 12 लाख की चपत
पंजाब रोडवेज पनबस व पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन की हडड़ताल जारी है।
जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब
पंजाब रोडवेज, पनबस व पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के आह्वान पर स्थानीय रोडवेज डिपो के तमाम अस्थायी कर्मचारी बुधवार को दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे। पनबस कर्मचारियों की ओर से चलाई जाने वाली तमाम 85 बसों का पहिया थमा रहा। सभी 265 कर्मचारी हड़ताल पर रहे। इन दो दिनों में रोडवेज को करीब 12 लाख रूपये की चपत लग चुकी है। रोडवेज के स्थानीय डिपो को करीब 6 लाख रूपये की प्रत्येक रोज आय होती है।
हड़ताल के चलते दूसरे दिन भी चंडीगढ़, हरिद्वार, जम्मू, कटड़ा, पठानकोट, जालंधर, लुधियाना, अमृतसर, विजय नगर, हनुमानगढ़, सिरसा-हिसार, नई दिल्ली आदि की तमाम लंबे रूट की बसें नहीं चल पाई। केवल लोकल रूट पर ही आठ सरकारी बसें चल पाई हैं जिन्हें रोडवेज के स्थायी कर्मचारियों की ओर से चलाया गया है। रोडवेज कर्मियों की हड़ताल अभी लंबी चलने के आसार नजर आ रहे हैं। संघर्षरत इन रोडवेज कर्मचारियों का स्पष्ट कहना है कि जब तक स्थायी करने की उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती, वे निरंतर हड़ताल पर रहेंगे और तमाम बसों का चक्का इसी तरह से ही जाम रहेगा।
रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल से निजी ट्रांसपोर्टरों की चांदी बनी हुई है। तमाम बसें भरकर जा रही हैं। हालांकि इस दौरान यात्रियों को मुश्किलों का सामना भी करना पड़ रहा है। सरकारी बसों में मुफ्त सफर करने वाली महिलाओं को किराया भी अदा करना पड़ रहा है।
रोडवेज के तमाम अस्थायी कर्मचारियों ने बस स्टैंड परिसर में दिन भर धरना देकर राज्य सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और परिवहन मंत्री अमरिदर सिंह राजा वड़िग के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। पंजाब रोडवेज, पनबस व पीआरटीसी कांट्रैक्टर वर्कर्स यूनियन के प्रदेश सरपरस्त कमल कुमार, डिपो प्रधान हरजिदर सिंह और महासचिव तरसेम सिंह सहित अन्य नेताओं ने कहा कि राज्य भर के कर्मचारी अब आरपार की लड़ाई लड़कर ही रहेंगे। अपना हक लेने के लिए वे अब पीछे नहीं हटेंगे। पिछले 15 वर्षों से राज्य सरकारों की तरफ से उनका शोषण किया जा रहा है। जिसे अब किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। रोडवेज कर्मचारियों के प्रदर्शन में विभिन्न संगठनों के नेता भी शामिल हुए।