कार्तिक में जरूर करें भगवान कार्तिकेय की पूजा

स्वामी कमलानंद गिरि ने कार्तिक महात्म्य पर चर्चा करते हुए कहौ कि यह महीना सबसे पवित्र माना गया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 03:04 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 03:47 PM (IST)
कार्तिक में जरूर करें भगवान कार्तिकेय की पूजा
कार्तिक में जरूर करें भगवान कार्तिकेय की पूजा

संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब

स्वामी कमलानंद गिरि ने कार्तिक महात्म्य पर चर्चा करते हुए कहा कि कार्तिक महीने के स्वामी भगवान कुमार कार्तिकेय हैं। इसलिए इस महीने में कुमार कार्तिकेय की पूजा भी करनी चाहिए। इन्हीं के नाम पर ही इस मास का नाम मास है।

भगवान कार्तिकेय ने इसी महीने देवताओं का सेनापति बनकर तारकासुर का वध किया था और देवताओं को स्वर्ग दिलाया था। इसी महीने में भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप अवतार लेकर वेदों की रक्षा की थी और देवताओं को कहा था कि वे कार्तिक मास में वेदों सहित जल में रहेंगे। इसलिए तामसिक भोजन करने वालों के लिए इस मास मछली, मांस, अंडा, मदिरा सेवन जैसी चीजों से परहेज रखना शुभ फलदायी माना गया है। इस माह भगवान विष्णु एवं कार्तिकेय की पूजा का विधान है। स्वामी ने ये विचार मंगलवार को श्री राम भवन में शुरु हुए कार्तिक महोत्सव के प्रथम दिन श्रद्धालुओं को महात्म्य श्रवण कराते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि कार्तिक के महीने में मंदिर व नदी के घाटों की सफाई करने वाला व्यक्ति धनवान व सुखी होता है। ऐसे भक्तों पर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है।

स्वामी जी ने कहा कि इसी मास में भगवान विष्णु चार महीने की निद्रा से जागते हैं। स्कंद पुराण के अनुसार इसी महीने में कुमार कार्तिकेय ने तारकासुर का वध किया था। भगवान चतुर्भुज नारायण ने भी इसी मास धरती पर जल में निवास करने की बात देवताओं को बताई थी। इसिलए ये महीना परम पवित्र माना जाता है। इस माह ब्रह्म मुहुर्त में स्नान करके दीप दान करने से सभी तीर्थों में स्नान करने का पुण्य प्राप्त होता है। संध्या के समय भगवान विष्णु का स्मरण करके तिल के तेल का दीप जलाएं। इससे घर में सुख-स्मृद्धि का वास होता है व मुक्ति मिलती है। कार्तिक महात्म्य के अनुसार भगवान विष्णु ने कुबेर जी से कहा कि जो भी भक्त कार्तिक मास में मेरा पूजन व दीप दान करेगा आप उसे कभी धन की कमी मत होने देना। इसलिए कार्तिक मास में भगवान विष्णु पूजन करने व दीप दान करने वाले भक्त पर कुबेर महाराज की कृपा बनी रहती है। ऐसे भक्त के घर कभी धन-दौलत की कमी नहीं रहती। स्वामी जी के अनुसार इस माह तुलसी पूजन का भी विशेष महत्व है। वहीं भगवान शालीग्राम पूजन का भी अति महत्व है। इस माह भगवान विष्णु ने शालिग्राम रूप में देवी तुलसी से देवप्रबोधिनी एकादशी के दिन विवाह किया था। इसलिए भी इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। हो सके तो कार्तिक मास में पलंग पर सोने की बजाए भूमि पर बिस्तर लगाकर सोना चाहिए। इससे आत्मिक शुद्धि व मानसिक शांति प्राप्त होती है।

स्वामी जी ने कहा कि कार्तिक मास में सूर्योदय समय भगवान सूर्य नारायण को जल का अ‌र्घ्य दें। मान्यता है कि पूर्व जन्म में सत्यभामा के पिता एक ब्राह्मण थे जो नियमित रूप से सूर्य भगवान को जल का अ‌र्घ्य देते थे और दीपदान करते थे।

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