नियमित करने के लिए पनबस कर्मियों ने रैली कर की सरकार के खिलाफ नारेबाजी
पंजाब रोडवेज और पीआरटीसी के अस्थायी कर्मचारियों को पक्का करने के लिए रोष प्रर्दसन किया गया।
जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब
पंजाब रोडवेज और पीआरटीसी के अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने की मांग को लेकर शनिवार को पंजाब रोडवेज पनबस कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन ने डिपो के गेट पर रैली की। प्रदर्शनकारियों ने दौरान राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। रैली को संबोधित करते हुए यूनियन के प्रदेश सरपरस्त कमल कुमार ने कहा कि सोमवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में अगर पंजाब रोडवेज व पीआरटीसी के अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने पर मुहर नहीं लगाई गई तो 30 नवंबर से प्रदेश भर में बसों का चक्का जाम किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले सरकार बनते ही पहली कैबिनेट बैठक में ठेका कर्मचारियों को स्थायी करने का वादा किया था। लेकिन पौने पांच साल बीत जाने के बाद भी स्थायी नहीं किया गया है। अब नए बने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की तरफ से मुलाजिमों को स्थायी करने को लेकर ऐसा एक्ट थोपा गया है जोकि किसी को भी मंजूर नहीं है। इस एक्ट से ठेका कर्मचारियों में भारी रोष पाया जा रहा है। इस एक्ट में संशोधन करने की मांग करने पर कर्मचारियों को धमकियां दी जा रही हैं। जबकि जो एक्ट बनाया गया है, उसमें कोई भी मुलाजिम स्थायी नहीं हो पा रहा है। ट्रांसपोर्ट विभाग के एक भी अस्थायी कर्मचारी को इसका लाभ नहीं है। ट्रांसपोर्ट माफिया खत्म करने का दावा करने वाली राज्य सरकार पंजाब रोडवेज व पीआरटीसी को खत्म करने पर तुली हुई है। इसका सुबूत बोर्ड तथा कारपोरेशनों को इस एक्ट से बाहर रखकर पनबस तथा पीआरटीसी के अस्थायी मुलाजिमों को स्थायी करने से किनारा करना है।
यूनियन के डिपो प्रधान हरजिदर सिंह व सचिव तरसेम सिंह ने कहा कि इस एक्ट को लेकर मुलाजिमों में भारी रोष है। ट्रांसपोर्ट विभाग में सुधार करने के दावे करने वाली सरकार की ओर से जो टाइम टेबल बनाया है, उसमें भी बड़ी खामियां हैं। प्राइवेट और सरकारी बसों का शिफ्टों के अनुसार टाइम टेबल नहीं बना है। इसमें 70-30 या 60-40 की रेशो नजर नहीं आती। बेशक परिवहन मंत्री अमरिदर सिंह राजा वड़िग की तरफ से अच्छे काम किए जा रहे हैं, लेकिन सरकारी तंत्र पूरी तरह से फेल नजर आ रहा है। कर्मचारियों को स्थायी करने में भी अधिकारी ही बाधा बन रहे हैं।
इस मौके पर रमनदीप सिंह, गुरविदर सिंह, बचित्र सिंह, बेअंत सिंह, रिकू कुमार, प्रदीप सिंह आदि नेताओं ने भी अपने विचार रखे।