किसानों, मजदूरों ने निकाला रोष मार्च
कोरोना के कारण लगाए गए मिनी लाकडाऊन को लेकर हर वर्ग में चिंता है।
संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब
कोरोना के कारण लगाए गए मिनी लाकडाउन को लेकर हर वर्ग दुखी व परेशान है। सरकार से गुहार लगा रहा है कि उनकी दुकानों को खोलने दिया जाए ताकि वह अपने परिवार का पालन पोषण कर सके। दुकानों को खुलवाने को लेकर शनिवार को किसानों मजदूरों ने शहर में रोष मार्च निकाला।
भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा के जिला महासचिव गुरभगत सिंह ने कहा कि एक तो पहले ही काम न होने के कारण लोगों का बहुत ही बुरा हाल है। लाकडाउन लगाकर नई पाबंदियां थोपी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अगर लाकडाउन बंद न किया तो गरीब व मध्यम वर्ग के लोगों के भूखे मरने की नौबत आ जाएगी। पंजाब खेत मजदूर यूनियन के नेता तरसेम सिंह खूंडेहलाल ने कहा कि सरकार को चाहिए की वह इस संकट की घड़ी में लोगों के लिए फंड जारी कर उन्हें राहत प्रदान करे। हरफूल सिंह भागसर, बाज सिंह भट्टीवाला, जसविदर सिंह संगूधौन, भारत नौजवान सभा के नेता मंगा आजाद ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर जोगिदर सिंह बुट्टर, राजा सिंह, मेजर सिंह, भजन कौर, सुखजीत कौर, सिमरजीत कौर आदि उपस्थित थे।
किसान, मजदूरों के शहर में प्रदर्शन से पहले ही डीसी ने व्यापार मंडल के प्रधान इंद्रजीत, रेडिमेड यूनियन के प्रधान कश्मीर सिंह तथा अन्य यूनियनों के नुमाइंदों के साथ बैठक कर सुबह नौ बजे से लेकर तीन बजे तक दुकानें खोलने के निर्देश जारी कर दिए। इस बारे में यूनियन के नेताओं ने कहा कि उन्हें इन निर्देशों के बारे में जानकारी नहीं दी गई और न ही बैठक में डीसी ने उन्हें बुलाया गया। उन्होंने कहा कि उनकी यूनियन पूरे पंजाब में प्रदर्शन की काल थी इसलिए वह कोविड नियमों के अनुसार ही प्रदर्शन करेंगे। डीएसपी ने किसानों को समझाने की कोशिश की पर नहीं माने
रोष प्रदर्शन से पूर्व सभी किसान, मजदूर भाई महासिंह हाल में बैठक के लिए एकत्रित हुए वहां से ही उनके द्वारा रोष प्रदर्शन के लिए निकलना था। जिसका पता चलते ही थाना सिटी प्रभारी मोहन लाल तथा डीएसपी हररविदर सिंह चीमा मौके पर पहुंचे और उन्होंने मजदूरों, किसानों को समझाने का प्रयास किया कि कोविड़ के चलते वह इस रैली को स्थगित कर दें। उन्होंने कहा कि दुकानदारों की बैठक डीसी साहिब से हो गई। जिस पर दुकानदारों ने डीसी साहिब के निर्देशों पर सहमति जताई है। इसलिए वह भी अपना कार्यक्रम स्थगित कर दें। लेकिन किसान, मजदूर नहीं माने और उन्होंने शहर में रोष मार्च निकाला।