डीसी के फरमान से भड़का कर्मचारियों में गुस्सा, रैली कर की नारेबाजी

डीसी की तरफ से बीते दिनों जारी किए गए आदोश के खिलाफ कर्मचारियों ने रोष प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 03:40 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 03:48 PM (IST)
डीसी के फरमान से भड़का कर्मचारियों में गुस्सा, रैली कर की नारेबाजी
डीसी के फरमान से भड़का कर्मचारियों में गुस्सा, रैली कर की नारेबाजी

जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब

डीसी की तरफ से बीते दिनों जारी किए गए आयोग के केसों में देरी अदालती व आयोग के केसों में देरी करने पर संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ फौजदारी धाराओं के तहत कार्रवाई करने के जारी किए गए पत्र को लेकर डीसी दफ्तर के कर्मियों में गुस्सा पैदा हो गया है। डीसी के इस को नादरशाही फरमान करार देते हुए कर्मचारियों ने मंगलवार को मिनी सचिवालय परिसर में रैली करके रोष प्रदर्शन किया। उन्होंने डीसी के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। साथ ही इस आदेश को वापस न लेने पर और भी कड़े संघर्ष की चेतावनी दी।

पंजाब राज्य मिनिस्टीरियल कर्मचारी यूनियन के प्रधान खुशकरनजीत सिंह व महासचिव वरिदर ढोसीवाल ने कहा कि डीसी ने अपना पदभार संभालते ही नादरशाही फरमान जारी करने शुरू कर दिए हैं। बीते दिनों उन्होंने पत्र जारी किया है कि अदालती व आयोगों के कामों में देरी करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जबकि राज्य भर के कर्मचारी इस समय अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। डीसी के इस आदेश के कारण समूह कर्मचारियों में भारी रोष एवं गुस्सा है। इस पत्र के जारी होने के बाद मिनिस्टीरियल कर्मचारी यूनियन के प्रतिनिधिमंडल ने बीते दिनों सहायक कमिश्नर (जनरल) से मुलाकात की थी और इस आदेश को वापस लेने की मांग की थी। सहायक कमिश्नर ने सोमवार तक इस आदेश को वापस कराने का भरोसा दिया था। लेकिन यह आदेश अभी तक वापस नहीं हुआ है। मंगलवार को यूनियन के प्रतिनिधिमंडल ने डीसी के साथ मुलाकात की। लेकिन डीसी ने कर्मचारियों की मांग को सही ढंग सुनना तो दूर की बात रही, उन्हें बनता मान सत्कार भी नहीं दिया। यूनियन नेताओं ने कहा कि इस रवैये से डीसी का मुलाजिम विरोधी चेहरा सामने आ गया है। लेकिन कर्मचारी इस तरह के रवैये को हर्गिज बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर के कर्मचारी पिछले लंबे समय से अपनी मांगों की पूर्ति के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जबकि अधिकारी फरमान जारी करके उन पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। कर्मचारी इस तरह दबाव में आने वाले नहीं हैं।

इस मौके पर राजिदर सिंह बुट्टर, भूपिदर सिंह, जगतार सिंह, मोहन सिंह, बलविदर सिंह, राजेश कपूर, सतीश कुमार, गुरमीत पाल, नरेश कुमार, परमजीत सिंह आदि भी मौजूद थे।

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