कृषि कानूनों के खिलाफ पुतलाफूंक प्रदर्शन
कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार की ओर से पुतलाफूंक प्रदर्शन किया गया।
जागरण टीम, श्री मुक्तसर साहिब/मलोट/ लंबी
कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार की ओर से अख्तियार किए हुए कड़े रुख को लेकर संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर विभिन्न किसान संगठनों ने शनिवार को श्री मुक्तसर साहिब, मलोट और लंबी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह तथा भाजपा नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल के पुतले फूंके। उन्होंने उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। प्रदर्शनकारी तीन कृषि कानून रद करने, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को केंद्रीय मंत्रीमंडल से बर्खास्त करने, बीएसएफ के पंजाब में बढ़ाए गए दायरे के फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे थे।
श्री मुक्तसर साहिब में कोटकपूरा रोड स्थित वड़िग टोल पलाजा पर किरती किसान यूनियन, भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर), भारतीय किसान यूनियन (डकौंदा) तथा अन्य सहयोगी संगठनों ने संयुक्त रूप में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा तथा भाजपा नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल के पुतले फूंके। जसविदर सिंह झबेलवाली, खुशवंत हरिके कलां, जसवीर सिंह सराएनागा, अमरजीत पाल शर्म, बलजीत सिंह लंडे रोडे, बलविदर सिंह थांदेवाला, जगसीर सिंह थांदेवाला, पूरन सिंह वट्टू आदि नेताओं ने लखीमपुर खीरी में हुई हिसा की कड़ी निदा की। तीनों कृषि कानून वापस लेने तथा पंजाब में बीएसएफ के दायरे को बढ़ाने के फैसले को वापस लेने की भी मांग की।
लखीमपुर हिसा मामले में अजय मिश्रा को केंद्रीय मंत्रीमंडल से बर्खास्त करने की मांग की। इस मौके पर प्रताप सिंह थांदेवाला, हरिदर सिंह, संदीप सिंह बरीवाला, मनिदरपाल सिंह, रणजीत सिंह झबेलवाली, छिदर पाल कौर, गुरतेज सिंह आदि भी मौजूद थे।
उधर, गुलाबी सुंडी से बर्बाद हुई नरमा की फसल के मुआवजे की मांग को लेकर पांच अक्टूबर से राज्य के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के निवास के आगे धरने पर बैठे हुए भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां) की अगुआई में किसानों ने गांव बादल में प्रधानमंत्री, गृहमंत्री के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अदित्य योगीनाथ के पुतले फूंके और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
इस मौके पर शिगारा सिंह मान, राम सिंह भैणीबाघा, गुरभगत सिंह भलाईआना, हरजिदर सिंह बग्गी आदि भाकियू नेताओं ने कहा कि किसानों के संघर्ष के 11 महीने हो जाने के बाद केंद्र सरकार कृषि कानूनों को रद नहीं कर रही है। केंद्र सरकार की ओर से तानाशाही रवैया अख्तियार किया हुआ है।
मलोट और लंबी में आयोजित रोष प्रदर्शनों के दौरान किसान नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह तथा हरजीत सिंह ग्रेवाल रावण को भी पीछे छोड़ गए हैं।
उन्होंने कहा कि कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से अपनाई गई नीतियों से प्रत्येक वर्ग दुखी है। उन्होंने तमाम वर्ग के लोगों से भी किसानों के इस संघर्ष के साथ जुड़ने की अपील की।