दयनीय सड़कों की वजह से हर वर्ष जान से हाथ धो बैठते हैं 30 लोग

खस्ताहाल सड़कों की वजह से हर वर्ष लगभग 30 लोग जान गवा देते हैं। इसके बावजूद सरकार द्वारा न तो इनको दुरुस्त करवाया जाता है और न ही नया बनाया जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 04:07 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 10:08 PM (IST)
दयनीय सड़कों की वजह से हर वर्ष जान से हाथ धो बैठते हैं 30 लोग
दयनीय सड़कों की वजह से हर वर्ष जान से हाथ धो बैठते हैं 30 लोग

संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब : खस्ताहाल सड़कों की वजह से हर वर्ष लगभग 30 लोग जान गवा देते हैं। इसके बावजूद सरकार द्वारा न तो इनको दुरुस्त करवाया जाता है और न ही नया बनाया जाता है। मुक्तसर से मलोट, कोटकपूरा रोड पर हर वर्ष सर्दियों के के दौरान दुर्घटनाएं होती हैं। कोटकपूरा से मलोट तक हाईवे की दूरी लगभग 65 किलोमीटर है। इसमें मुक्तसर के अलावा लगभग 50 गांव पड़ते हैं। कोटकपूरा से लेकर मलोट तक सिगल लेन होने के कारण अनेक दुर्घटनाएं इन सड़कों पर होती हैं। हालांकि गठबंधन सरकार के दौरान सड़क की चौड़ाई बढ़ाने का निर्णय लिया था और इसके टेंडर भी हो चुके थे व सड़क की चौड़ाई को बढ़ाना शुरू कर दिया था। लेकिन, काम अभी भी बीच में ही पड़ा है। जो अब हादसों का कारण बन रहा है।

इन जगहों पर होते हैं अधिक हादसे

मुक्तसर कोटकपूरा रोड बाईपास जहां पर गांव उदेयकरण, संगूधौन का चौरस्ता है, वहां गेट के पास दुर्घटनाएं अधिक होती हैं। क्योंकि, बाईपास होने के कारण व्हीकल ओवर स्पीड होते हैं व चारों तरफ से व्हीकल आने के कारण हादसों की वजह बनते हैं। इसके अलावा मुक्तसर मलोट पूरी तरह से ही खस्ता हालत में है। मलोट रोड पर रुपाणा गांव तथा चंदभान सेमनाल के पास स्थित पेपर मिल के नजदीक अधिक ट्रैफिक होने की वजह से सड़क हादसे होते हैं। हर वर्ष हादसों में लगभग 30 से 35 लोगों की मौत हो जाती है जबकि 70 से 80 के बीच लोग घायल होते हैं।

सड़कें सुधारने व चौड़ाई बढ़ाने से कम हो सकते हैं हादसे

खराब सड़कों की मरम्मत व इनकी चौड़ाई बढ़ाकर हादसों में कमी लाई जा सकती है। गांव के पास सड़क के बीच में स्पीड ब्रेकर बनाकर भी सुरक्षित सफर दिया जा सकता है। इसके अलावा गांवों के पास ट्रैफिक सिग्नल लगाए जाने चाहिए व व्हीकलों के आगे पीछे दोनों तरफ रिफलेक्टर लगे हों। गांवों में जहां पर चौराहा हो वहां पर स्ट्रीट लाइट लगाई जानी चाहिए। लोगों को भी चाहिए कि व्हीकलों की फाग लाइट व हेड लाइट को अच्छे से दुरुस्त करवाएं। इसके साथ ही ट्रैफिक नियमों का अच्छे से पालन करें।

नहीं है कोई ट्रैफिक सिग्नल

मुक्तसर में कहीं भी कोई ट्रैफिक सिग्नल नहीं है जिस कारण अक्सर ही जाम लगा रहता है। चौहारों पर ट्रैफिक सिग्नल नहीं होने के कारण लोग गलत दिशा से आ जाते हैं जिस कारण ट्रैफिक में बाधा पहुंचती है। पुलिस को चाहिए कि कुछ सड़कों को वन-वे बनाए व चौहारों पर ट्रैफिक सिग्नल लगाए। इसके अलावा बड़े शहरों की तर्ज पर हर चौराहें पर कैमरे लगाए जाने चाहिए। जो भीट्रैफिक रुल्स को तोड़ता पाया जाए उसके खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई की जाए।

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