गर्भ मे पल रहे बच्चे के लिए पौष्टिक भोजन जरूरी

सिविल सर्जन डा. रंजू सिगला के दिशा निर्देशों व सीएचसी चक्क शरेवाला में मेडिकल कैप का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 09 Oct 2021 03:44 PM (IST) Updated:Sat, 09 Oct 2021 03:44 PM (IST)
गर्भ मे पल रहे बच्चे के लिए  पौष्टिक भोजन जरूरी
गर्भ मे पल रहे बच्चे के लिए पौष्टिक भोजन जरूरी

संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब

सिविल सर्जन डा. रंजू सिगला के दिशा निर्देशों व सीएचसी चक्क शेरेवाला के सीनियर मेडिकल अफसर डा. सुनील बांसल की अगुआई में सीएचसी में महिलाओं के लिए मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया। डा. अलिशा गाबा की ओर से महिलाओं विशेष: गर्भवती महिलाओं को नौ माह के दौरान अपने सही खान पान जैसे हरी सब्जियां, सलाद , गुड़, फल आदि के बारे में बताया गया। उन्होंने कहा कि गर्भ मे पल रहे बच्चे के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए पौष्टिक भोजन की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि जरूरी नही कि बाहर से महंगे खाने पीने की चीजें ही पौष्टिक होती है बल्कि सस्ती और घर की रसोई में बने भोजन भी पोष्टिकता से भरपूर होते है। जैसे गुड़, चने, पालक, साग, हरी सब्जी , दूध, दही , दाल आदि भी प्रोटीन आदि से भरपूर होते हैं जिनके सेवन से गर्भ में पल रहे शिशु का विकास होता है।

उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं को अपना रजिस्ट्रेशन समय पर करवाना चाहिए ताकि गर्भावस्था के दौरान मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ प्राप्त किया जा सके। इसके अलावा विभाग की ओर से जननी सुरक्षा योजना और जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत कई सुविधाएं दी जाती हैं जिनके बारे में जानकारी होना आवश्यक है। डा. वरुण वर्मा ने बताया कि विभाग की तरफ से हर साल 10 अक्टूबर को मानसिक रोगों संबंधी जागरुकता फैलाने के लिए मेंटल हेल्थ डे के रूप में मनाया जाता है।

उन्होंने बताया कि स्वभाव में परिवर्तन, नींद ना आना, उत्सुकता, चिता, भय, घबराहट, निराशा, गुस्सा, बार-बार हाथ धोते रहना, वहम होना, बिना बात रोना, आवाजें सुनाई देनी, आत्महत्या की कोशिश यां धमकी देना आदि मानसिक रोगों के ही लक्षण हैं। लोग इनके बारे में खुल क बात नहीं करते जिस वजह से उन्हें समय पर इलाज नहीं मिलता। मानसिक रोग भी अन्य बिमारियों की तरह एक बीमारी हैं जिनका इलाज संभव है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रत्येक जिले में नशा मुक्ति केंद्र स्थापित किए गए हैं जहाँ मानसिक रोग के माहिर डाक्टर नियुक्त हैं। विभाग की ओर से मानसिक रोग से पीड़ित व्यक्तियों के लिए सरकारी अस्पताल में मुफ्त सलाह और दवाइयां उपलब्ध करवाई जाती हैं।

इस मौके पर डा. जतिदर पाल सिंह, मनबीर सिंह, परमजीत सिंह, मनजीत सिंह, सुखविदर कौर, चरणजीत सिंह व आशा वर्कर भी उपस्थित थे।

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