बहन की ओर से किए केस में भाई बरी
चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अतुल क बोज की अदालत ने बहन द्वारा भाई के खिलाफ सात लाख रुपए के चैक बाऊंस केस का फैसला करते भाई को बरी कर दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सरोज रानी पत्नी जगदीश कुमार निवासी मुक्तसर को उसके भाई मनोज कुमार ने 7लाख रुपए का चैक दिया था परन्तु जब सरोज रानी ने चैक मनोज कुमार के खाते में लगाया तो खाते में पैसे न होने के कारण यह चैक बाऊंस हो गया। इस सरोज रानी ने अदालत में केस करते बताया कि उसने मनोज कुमार से यह चै
जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब
चीफ जूडिशियल मजिस्ट्रेट अतुल
कंबोज की अदालत ने बहन द्वारा भाई के खिलाफ सात लाख रुपये के चेक बाऊंस केस का फैसला करते भाई को बरी कर दिया है।
सरोज रानी पत्नी जगदीश कुमार निवासी मुक्तसर को उसके भाई मनोज कुमार ने 7 लाख रुपये का चेक दिया था परन्तु जब सरोज रानी ने चेक मनोज कुमार के खाते में लगाया तो खाते में पैसे न होने के कारण यह बाऊंस हो गया।
सरोज रानी ने अदालत में केस करते बताया कि उसने मनोज कुमार से यह चेक अपने दिए हुए कर्जे की वसूली के तौर पर लिया था। इस दौरान सफाई पक्ष ने अपने वकील अशोक कुमार गिरधर द्वारा अदालत को बताया कि मनोज कुमार को उक्त केस में झूठा फंसाया गया है। उसके पिता की 2010 में मौत हो गई थी और उसकी बहन सरोज रानी ने अपने पिता की जायदाद में बनता हिस्सा एक कनाल साढ़े 9 मरले का हिस्सा नीरज कुमार से तब्दील कर मल्कीयत द्वारा ले लिया था परन्तु सरोज रानी ओर पैसों की मांग कर रही थी। बाद में दोनों की माता की भी 2015 में मौत हो गई। सरोज रानी ने झगड़े वाला खाली चैक जिस पर मनोज कुमार के हस्ताक्षर थे उसकी अलमारी में से उठा लिया और 7लाख रुपए भरकर केस कर दिया। सफाई पक्ष के वकील ने कहा कि उसने 6 नवंबर 2015 को अपना एक प्लाट 14 लाख 50 हजार रुपये में बेचा था इस लिए उसको पैसों की तो कोई जरूरत ही नहीं थी। अदालत ने सफाई पक्ष के वकील की दलीलों के साथ सहमति होते मनोज कुमार को बरी कर दिया।