शहीदों को अपने दिल में बसाएं : बलजीत सिंह

सिख धर्म के पांचवें गुरु श्री गुरु अर्जुन देव जी का शहीदी दिवस मनाया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 11:26 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 11:26 PM (IST)
शहीदों को अपने दिल में बसाएं : बलजीत सिंह
शहीदों को अपने दिल में बसाएं : बलजीत सिंह

संवाद सूत्र, मलोट (श्री मुक्तसर साहिब)

सिख धर्म के पांचवें गुरु श्री गुरु अर्जुन देव जी सिखों के लिए शहीदी प्राप्त करने वाले प्रथम सिख गुरु हुए थे तथा उन्होंने शहीदों के सरताज का खिताब दिया जाता है। उस समय के जालिमों ने उन्हें गर्म तवियों पर बिठा तथा गर्म पानी में उबाल कर गुरु साहिब पर जुर्म किए गए तथा अपनी बात मनवाने की कोशिश की, लेकिन गुरु जी ने इन सबकी कोई परवाह नहीं की। पांचवें पिता से लेकर अब तक अलग-अलग गुरु साहिबों, साहिबजादे तथा अनेक शहीदों ने सिखों के खातिर अपने आप को कुर्बान कर दिया। ऐसे महान शहीदों की गथाएं नई पीढि़यों को बताना जरूरी है। वहीं हर सिख तथा खासकर नौजवानों को अपने महान विरसे के शहीदों की याद अपने दिल में रखनी चाहिए। उक्त विचार बाबा बलजीत सिंह ने गुरुद्वारा चरण कमल भोरा साहिब में शहीदी गुरुपुरब के लिए विशेष समागम दौरान संगत के साथ सांझे करते हुए कहा।

उन्होंने कहा कि गुरु अर्जुन साहिब द्वारा दिखाएं शांति के मार्ग पर आज किसानी आंदोलन में अपने हकों के लिए लड़ रहे हैं।

इस मौके पर बाबा बलजीत सिंह के अलावा भाई गुरबीर सिंह मलेशिया वाले, भाई चरणजीत सिंह खालसा, ज्ञानी जगतार सिंह, कविश्री भाई हरप्रीत सिंह ने गुरबाणी कीर्तन से संगत को निहाल किया। --------------------- शिविर में 70 यूनिट रक्त एकत्र

संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब

संत निरंकारी चेरिटेबल फाउंडेशन की तरफ से सोमवार को कोटकपूरा रोड स्थित संत निरंकारी भवन में रक्तदान शिविर लगाया गया। इसमे 70 यूनिट रक्त एकत्रित कर सिविल अस्पताल को दिया गया। कैंप का उद्घाटन सिविल सर्जन डा. रंजू सिगला ने किया। इस मौके पर विशेष मेहमान जोनल इंचार्ज श्री गगानगर धर्मपाल टक्कर पहुंचे। कैंप की प्रधानगी जोनल इंचार्ज फिरोजपुर एनएस गिल ने की।

सिविल सर्जन ने कहा कि रक्तदान करने से किसी में भी कोई रक्त की कमी नहीं होती हैं। उन्होंने कहा कि अगर आपके रक्त से किसी की जान बच जाए जो इससे बड़ा पुण्य का कार्य क्या हो सकता है। कुछ दिनों में ही रक्त की कमी पूरी हो जाती है तथा रक्तदान करने से हमारा बीमारियों से भी बचाव होता है। डा. सिगला ने कहा कि एक बार रक्तदान करने के बाद दौबारा तीन माह के बाद रक्तदान किया जा सकता है।

संत निरंकारी के श्रद्धालुओं की तरफ से रक्तदान करने वालों के लिए रिफरेंशमेंट का भी इंतजाम किया हुआ था। इस मौके पर कृपाल सिंह, इंद्रजीत सिंह, धीरज खेड़ा आदि उपस्थित थे।

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