कौंसिल प्रधान और उप प्रधान को हटाने के लिए एकजुट हुए पार्षद

पंजाब प्रदेश कांग्रेस हाईकमान की ओर से नियुक्त किए जाने के बाद से विवाद जारी है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 06:08 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 06:08 PM (IST)
कौंसिल प्रधान और उप प्रधान को हटाने के लिए एकजुट हुए पार्षद
कौंसिल प्रधान और उप प्रधान को हटाने के लिए एकजुट हुए पार्षद

जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब

पंजाब प्रदेश कांग्रेस हाईकमान की ओर से नियुक्त किए जाने के बावजूद नगर कौंसिल के प्रधान कृष्ण कुमार शम्मी तेरिया एवं उप प्रधान जसविदर सिंह मिटू कंग के खिलाफ 17 में से 13 कांग्रेसी पार्षद एकजुट हो गए हैं। उन्होंने दोनों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने के लिए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को पत्र लिख दिया है। साथ ही हलका इंचार्ज करण कौर बराड़ और कांग्रेस जिलाध्यक्ष हरचरन सिंह सोथा को भी पत्र की कापी सौंपी है। कांग्रेसी पार्षदों का यह पत्र इंटरनेट मीडिया पर भी काफी वायरल हो रहा है। अब यह कौंसिल प्रधान शम्मी तेरिया की अपने ही पार्षदों को साथ लेकर न चल पाने की नाकामी है या फिर इन 13 पार्षदों की शुरू से ही उनकी नियुक्ति के खिलाफ गहरी नाराजगी है, यह तो वही जानते हैं।

पार्षद यादविदर सिंह यादू और तेजिदर सिंह जिम्मी भी कौंसिल प्रधान पद की दौड़ में शामिल थे। पार्षदों की छह माह में ही गुटबाजी के चरम पर पहुंच जाने से शहरवासियों की विकास कार्यों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। कौंसिल प्रधान के खिलाफ लिखे गए पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में पार्षदों में सिमरजीत कौर, यादविदर सिंह यादू, तेजिदर सिंह जिम्मी, मनीश अग्रवाल, अनमोल ग्रेवाल, विक्रमजीत सिंह विक्की, कुलविदर कौर, गुरशरन सिंह, कंचन रानी, कशिश सुखीजा, महिदर चौधरी, गुरिदर सिंह बावा कोकी तथा गुरिदर कौर शामिल हैं। उन्होंने लिखा है कि आज कौंसिल में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। पार्षदों की भी कोई पूछ नहीं है। इससे आने वाले समय में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इसलिए प्रधान और उप प्रधान से इस्तीफे लेकर इनके स्थान पर नई नियुक्तियां की जाएगी। नई नियुक्तियों में हम सभी पार्षदों की सहमति होगी।

शहर के कुल 31 पार्षदों में से 17 कांग्रेसी पार्षदों के बहुमत के चलते मार्च में कांग्रेस के कृष्ण कुमार शम्मी तेरिया की प्रधानगी में कौंसिल हाउस का गठन हुआ था। इन छह माह में शम्मी तेरिया पार्षदों के साथ केवल एक वर्चुअल बैठक ही कर सके हैं। अगस्त में बुलाई गई बैठक में केवल पांच कांग्रेसी पार्षदों के अलावा अन्य किसी पार्षद ने हिस्सा ही नहीं लिया। जिसके चलते कौंसिल प्रधान की ओर से ऐन मौके पर बैठक को स्थगित करना पड़ा। विकास कार्यों के तमाम प्रस्ताव एकमात्र एजेंडा बनकर ही रह गए हैं। उसके बाद से कौंसिल प्रधान बैठक बुलाने की हिम्मत नहीं दिखा पा रहे हैं। 13 कांग्रेसी पार्षदों ने भी प्रदेश अध्यक्ष को यह पत्र लिखकर बता दिया है कि उन्हें थोपे गए प्रधान और उप प्रधान मंजूर नहीं हैं। इनसेट

यह बहुत ही गंभीर मामला है: करण कौर बराड़

कांग्रेस की हलका इंचार्ज करण कौर बराड़ ने पत्र मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि यह बहुत ही गंभीर मामला है। विकास कार्यों के लिए बजट में 18 करोड़ रुपये हैं। अब जब काम का समय है तो यह पैसा इधर-उधर खुर्द बुर्द हो रहा है। कौंसिल की ओर से इंटरलाक टाइलों पर पैसा खर्च किया जा रहा है। जबकि यह सीवरेज, पानी की निकासी, पानी की पाइप लाइनों आदि कार्यों पर पहल के अधार पर खर्च होना चाहिए। प्रधान को प्रधान की तरह जिम्मेदारी निभानी चाहिए। किसी के पीछे लगकर काम नहीं करना चाहिए। उप प्रधान तो राजा वड़िग का आदमी है। इन लोगों को असूलों के अनुसार काम करना चाहिए। करण कौर बराड़ ने कहा कि उन्होंने पार्षदों से कहा है कि वे स्थानीय निकाय मंत्री तथा मुख्यमंत्री के नाम संबोधित पत्र दें। इसके बाद वह हाईकमान से बात करेंगी।

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