कोरोना से मृत अध्यापकों को 50 लाख का बीमा राशि दे सरकार
डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट ने शिक्षा विभाग में पंजाब सरकार के नीतियों की आलोचना की है।
संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब
डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट ने शिक्षा विभाग में पंजाब सरकार के 50 फीसद स्टाफ उपस्थति रहने के फैसले को सही तरीके से लागू न करने तथा अन्य कई मामलों में भी फैसले लेने के आदी, शिक्षा सचिव की तरफ से मनमर्जी करने की सख्त निदा की।
डीटीएफ पंजाब के राज्य प्रधान विक्रमदेव सिंह, महासचिव मुकेश कुमार तथा राज्य प्रेस सचिव पवन कुमार ने बयान जारी कर सरकार के खराब सेहत प्रबंधों के कारण कोरोना संक्रमण पर अन्य कई गंभीर बीमारियों से गई जानों पर दुख प्रकट करते हुए सेहत क्षेत्र के लिए बजट को बढ़ाने, सेहत सहूलियतों में बढ़ोतरी करने, कच्चे मुलाजिम पक्के करने, बड़े स्तर पर पक्की भर्ती करने, अध्यापकों को कोरोना योद्धा ऐलान करने, जरूरत के अनुसार स्कूल में तर्क संगत कटौती करने, गर्भवती अध्यापकों तथा कैंसर आदि क्रोनिक बीमारियों से पीड़ितों को स्कूल आने से पूर्ण छूट देने की मांग की।
उन्होंने कहा कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने पंजाब के सरकारी दफ्तरों, स्कूलों में कार्य करते मुलाजिमों में 50 फीसद को रोटेशन वाइज उपस्थित रहने की हिदायत जारी की। पंजाब के शिक्षा विभाग ने केवल दस से अधिक स्टाफ वाले स्कूलों पर भी लागू करने बारे पत्र जारी करके इन निर्देशों को अनर्थ कर दिया है। दूसरी तरफ सिविल या पुलिस प्रशासन की तरफ से एक वाहन में दो से अधिक सवारियां होने के मामले में भी परेशान किया जा रहा है। इस अवसर पर महासचिव कुलविदर सिंह, पवन चौधरी, राजविदर सिंह, रविदरसिंह, परमात्मा सिंह, गुरदेव सिंह, सुभाश चंदर, रवि कुमार, अशोक पूनिया, मनदीपसिंह, सुरिदर कुमार, कंवलजीत पाल ने मांग की कि कोरोना लाग के कारण हुई मौत वाले अध्यापकों को 50 लाख रुपये की बीमा राशि दे। प्रमोशन विभाग की तरफ से जारी पत्र अनुसार कोरोना पाजिटिव होने से 17 से 30 दिन तक का वेतन में स्पेशल छूट मिलने का फैसला स्पष्टता से लागू किया जाए।