कंप्यूटर अध्यापकों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित किया जाए
कंप्यूटर अध्यापकों ने सोमवार को जिला शिक्षा अधिकारी को मांगपत्र सौंपा।
संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब
कंप्यूटर अध्यापकों ने सोमवार को जिला प्रधान हरजीत सिंह बरकंदी तथा महासचिव प्रदीप कुमार बेरी की अगुआई में जिला शिक्षा अधिकारी सेकेंडरी से मिला। उनको कंप्यूटर अध्यापकों की कोविड 19 के अधीन लगाई ड्यूटियों से छूट देने या सहूलियतें लागू करने संबंधी ज्ञापन दिया गया।
उन्होंने कहा कि कंप्यूटर अध्यापक 2005 से शिक्षा विभाग के अधीन बनी पिकटस सोसायटी में कार्य कर रहे है। 2010 में पंजाब सरकार के राजपाल की मंजूरी उपरांत नोटिफिकेशन जारी करके उनकी सेवाएं शिक्षा विभाग अधीन बनी पिकटस सोसायटी अधीन एक जुलाई 2011 से रेगुलर कर दी थी तथा रेगुलर मुलाजमों वाली सभी सहूलतें लागू करने का कहा गया था। बाद में अफसरशाही ने सोसायटी का बहाना लगाकर उनकी मेडिकल रीइमबर्समेंट, मरने के उपरांत परिवारिक सदस्यों को नौकरी, आईआर, एसीपी, सीपीएफ आदि सहूलतों से वंचित कर दिया। अब तक 60-70 कम्पयूटर अध्यापकों की मौत हो चुकी है जिनके परिवार वाले इधर-उधर भटक रहे हैं। कोरोना काल में कंप्यूटर अध्यापकों की ड्यूटियां उनके ग्रेड मुताबिक नहीं लगाई गई। ड्यूटी दौरान हमारे कई अध्यापक कोरोना की चपेट में आ चुके हैं उन्होंने इलाज का सारा खर्च अपने पास से किया है। उन्होंने मांग की कि कंप्यूटर अध्यापकों को फ्रंट लाइन वर्कर योजना के तहत 50 हजार रुपये का बीमा कवर दिया जाए।
इस अवसर पर अन्य के अलावा उनके साथ वाइस जिला प्रधान भारत भूषण प्रेस सचिव, संदीप कुमार, नरिदर खिची, जतिदर कुमार, लेखराज सिंह आदि उपस्थित थे।