दो घंटे तक नहीं चली सरकारी बसें
पंजाब रोडवेज पनबस पीआरटीसी कंट्रैक्ट वकर्स यूनियन ने रोष प्रदर्शन किया।
संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब
पंजाब रोडवेज पनबस, पीआरटीसी कंट्रैक्ट वकर्स यूनियन के निमंत्रण पर सोमवार को बस ड्राइवरों तथा कंडक्टरों की तरफ से मुक्तसर के बस स्टैंड के सामने 12 से दो बजे तक धरना लगाकर रोष प्रदर्शन किया गया। इस दौरान उन्होंने बस स्टैंड के गेट के आगे धरना दिया और किसी भी सरकारी बस को चलाने नहीं दिया। हालांकि प्राइवेट बसों का आना जाना लगा रहा। बस अड्डे के सामने धरना होने के कारण कोई भी बस बस अड्डे के अंदर नहीं गई और न ही बस अड्डे के अंदर से चली इस दौरान बसे सड़कों पर से ही सवारियां बिठाकर चलती रही।
वक्ताओं ने कहा कि सरकार से काफी बार बैठकें करने के बावजूद सरकार उनकी मांगों की तरफ से ध्यान दिया दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को न माना तो तीन और अगस्त को फिर चार घंटे के लिए बस स्टैंड बंद रखकर हड़ताल की जाएगी और कैप्टन के पुतले फूंके जाएंगे तथा छह अगस्त को गैट रैलियां की जाएंगी। अगर सरकार की तरफ से नौ से 11 अगस्त की तीन दिन की हड़ताल रखी जाएगी अगर फिर भी सरकार ने कोई फैसला नहीं किया जाता तो हड़ताल अनिश्चितकालीन समय की भी हो सकती है।
उन्होंने बताया कि 14-15 वर्षों से लगातार ठेका प्रणाली की चक्की में पिस रहे है है। ठेका मुलाजमों को पक्का नहीं किया गया। सरकार की तरफ से खजाना खाली होने पर कानूनी अडचनों का बहना बनाकर ठेका मुलाजमों को पक्का करने के वायदे से सरकार भाग रही है। मुक्तसर से डिपू प्रधान हरजिदरसिंह तथा सैकेटरी तरसेम सिंह ने कहा कि समूह विभागों की जत्थेबंदियों तथा आम लोगों को अपील की जाती है कि सरकारी ट्रांसपोर्ट तथा सरकारी विभाग को बचाने के लिए इन विभागों में कार्य करते कच्चे मुलाजिमों के रोजगार को पक्का करवाने के लिए किए जा रहे संघर्ष में साथ देने की मांग की है। इनसेट
बसें बंद रहने से विभाग को ढाई लाख का नुकसान
यूनियन के राज्य सचिव कमल कुमार ने बताया कि सोमवार को रखी गई हड़ताल के कारण विभाग को करीब ढाई लाख रुपए का नुकसान हुआ। चंडीगढ़, अमृतसर, सिरसा तथा श्रीगंगानगर को जाने वाले रुट प्रभावित हुए।