बंद रहे बाजार, सड़कों पर ठप रही आवाजाही

केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए तीन खेती कानूनों के विरोध में मुक्तसर पूरी तरह बंद रहा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 05:37 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 05:37 PM (IST)
बंद रहे बाजार, सड़कों पर ठप रही आवाजाही
बंद रहे बाजार, सड़कों पर ठप रही आवाजाही

जागरण टीम, श्री मुक्तसर साहिब/मलोट/ गिद्दड़बाहा

केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए तीन नए कृषि कानून को रद करने की मांग को लेकर किसान संगठनों के भारत बंद के आह्वान का जिले भर में व्यापक असर रहा। भारत बंद के आह्वान को लोगों का भरपूर समर्थन मिला। श्री मुक्तसर साहिब, मलोट, गिद्दड़बाहा, लंबी, मंडी बरीवाला, मंडी किल्लियांवाली, मंडी लक्खेवाली, दोदा, भलाईआना आदि सहित सभी शहरों, मंडियों और बड़े कसबों में बाजार पूरी तरह से बंद रहे। सड़कों पर भी आवाजाही पूरी तरह से ठप रही। 19 स्थानों पर किसानों ने धरना लगाकर आवाजाही रोकी।

संयुक्त किसान मोर्चा व भारतीय किसान यूनियन (एक्ता उग्राहां) की ओर से कोटकपूरा रोड, बठिडा रोड, मलोट रोड, जलालाबाद रोड, गुरूहरसहाय रोड, मलोट में बठिडा रोड, नेशनल हाइवे, अबोहर रोड, गिद्दड़बाहा में बठिडा रोड के अलावा दोदा आदि में बड़े धरने आयोजित किए गए। सड़कों पर धरने देकर आवाजाही को पूरी तरह से बंद रखा गया। केवल मेडिकल सेवाओं और जरूरी कामकाज वाले लोगों को ही आने जाने दिया जा रहा था। बंद के चलते लोग भी जरूरी कामकाज के लिए ही बाहर निकले। कई जगह धरनों में बच्चे भी शामिल थे। इस दौरान किसानों ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

एसपी (डी) राजपाल सिंह हुंदल ने बताया जिले में कुल 19 स्थानों पर किसानों की तरफ से धरने लगाए गए। जिनमें श्री मुक्तसर साहिब ब्लाक में सात, मलोट में आठ और गिद्दड़बाहा ब्लाक में चार स्थानों पर धरने लगे। सभी स्थानों पर शांतिपूर्वक प्रदर्शन रहे। प्रत्येक जगह पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। 500 से अधिक कर्मचारियों को तैनात किया गया था।

जिले के तमाम शहरों, मंडियों और कसबों में केवल मेडिकल सेवाएं खुली रही। मेडिकल सेवाओं में एंबुलेंसों को आने-जाने दिया जा रहा था। अस्पताल और उनके बाहर स्थित मेडिकल स्टोर खुले रखे गए। जबकि अस्पतालों से दूर स्थित सभी मेडिकल स्टोर बंद रहे। सरकारी दफ्तर आम दिनों की तरह खुले रहे। लेकिन वहां पर काम के लिए आने वाले लोग इक्का दुक्का ही दिखाई दे रहे थे। जिले में सरकारी स्कूल भी आम दिनों की तरह खुले रहे। इन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या कम रही। प्राइवेट स्कूल जिले भर में बंद ही रहे। सरकारी बसों को बंद रखने का राज्य सरकार की ओर से कोई आदेश जारी नहीं किया गया था लेकिन तमाम राष्ट्रीय, राज्य मार्गों और लिक मार्गों पर लगे हुए किसान संगठनों के धरनों के कारण बस सेवा को बंद ही रखा गया।

बंद को राजनीतिक, व्यापारिक, धार्मिक, सामाजिक, मुलाजिम संगठनों का भी पूरा समर्थन रहा। कई धरनों में उक्त संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। किसान संगठनों के नेताओं ने भारत बंद को मिले समर्थन को लेकर जिले के लोगों का आभार व्यक्त किया है। किसानों ने बंद कराई बाजार में दुकानें

श्री मुक्तसर साहिब शहर में हालांकि लगभग तमाम बाजार सुबह से ही बंद थे। लेकिन कहीं कहीं पर दूध के डेयरियां खुली हुई थीं जिन्हें किसान नेताओं ने बंद करा दिया। किसान संगठनों की ओर से शहर में मार्च निकाला गया और दुकानदारों से बंद को समर्थन देने की अपील की गई। जहां इक्का दुक्का दुकानें खुलीं थी, उन्हें दुकानदारों से अपील करके बंद करा दिया गया। मंडी बरीवाला में भी किसानों ने मार्च किया। इस मार्च के दौरान उन्होंने कई खुली हुई बैंकों को बंद कराया।

chat bot
आपका साथी