हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा
सीएचसी चक्क शेरेवाला में विश््व उच्च रक्तचाप दिवस पर कार्यकम करवाया गया।
संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब
सीएचसी चक्क शेरेवाला में मेडिकल अधिकारी डा. वरूण वर्मा और डा. जतिदरपाल सिंह के नेतृत्व में विश्व उच्च रक्तचाप दिवस पर जागरूकता सेमिनार आयोजित किया गया। डा. वरूण ने बताया कि यदि खून का दबाव लगातार 140/90 एमएमएचजी से ज्यादा हो तो इसे उच्च रक्तचाप का रोगी माना जाता है। साधारण खून के दबाव का नाप 120/80 एमएमएचजी से कम होता है। ह्रदय से निकलने वाले रक्त का प्रवाह धमनियों की दीवारों पर जरूरत से अधिक दबाव डालता है जिसे उच्च रक्तचाप कहा जाता है। उच्च रक्तचाप दौरा पड़ने का सबसे बडा़ और ह्रदय रोग का एक मुख्य कारण है।
उच्च रक्तचाप को नियंत्रित रखने के लिए शरीर का वजन सामान्य रखें, सक्रिय रहें, धूम्रपान न करें, शराब का सेवन न करें, स्वास्थ्यकर आहार लें जिसमें नमक और वसा कम हो तथा फल और सब्जियों का सेवन ज्यादा करें और अपने बीपी की नियमित रूप से जांच कराएं। उच्च रक्तचाप के कारण ह्रदय को सामान्य से अधिक काम करना पड़ता है जिससे वह समय के साथ कमजोर पड़ जाता है। डा. जतिदरपाल ने बताया कि रक्तचाप जितना अधिक होगा ह्रदयघात और दौरे का खतरा उतना ही ज्यादा होगा। जिस व्यक्ति का बीपी ज्यादा रहता है तो उसे डाक्टर की सलाह से दवाई लेनी चाहिए। ये दवाइयां उच्च रक्तचाप का इलाज तो नहीं करती परंतु उसे नियत्रित रखती हैं।
रक्तचाप बढ़ने से तेज सिर दर्द, थकावट, टांगो मे दर्द, उल्टी होने की शिकायत और चिड़चिड़ापन होने के लक्षण दिखाई देने लगते है। बीईई मनबीर सिंह ने बताया कि यह रोग जीवन शैली और खान-पान की आदतों से जुड़ा होने के कारण केवल दवाइयों से ही इस रोग को नष्ट नहीं किया जा सकता। जीवनचर्या एवं खानपान मे अपेक्षित बदलाव कर इस रोग को पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है।