रैली निकाल नशे से दूर रहने के लिए किया प्रेरित
पंजाब सरकार तथा डीजीपी पंजाब की हिदायतों के तहत एसएसपी की ओ्र से एक रैली को रनावा किया गया।
संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब
पंजाब सरकार तथा डीजीपी पंजाब की हिदायतों के तहत एसएसपी डी सुडरविली की तरफ से जिले में लोगों को नशे से बचाने और जागरूकता पैदा करने के लिए 34 किलोमीटर साइकल रैली आयोजित की गई। रैली में हाथों में जागरूकता बैनर पकड़ कर लोगों को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया गया। रैली की अगुआई एसपी कुलवंत राए ने साइकिल चलाकर की।
डीएसपी सुभाष अरोड़ा, एसआई जगसीर सिंह, तथा अलग-अलग शहर के साइकिल क्लब के अलावा 100 के करीब नौजवानों तथा पुलिस मुलाजिमों ने भाग लिया। एसएसपी ने साइकिल रैली को हरी झंडी देकर रवाना किया। डीएसपी हेमंत कुमार, डीएसपी जसमीत सिंह उपस्थित थे।
एसएसपी ने बताया कि यह रैली रेडक्रास मुक्तसर से शुरू होकर गांव अलग चढ़ेवान, झबेलवाली, वडिग, सराएनागा, खोखर, भुट्टीवाला, थांदेवाला, संगूधौन से होते हुए पुलिस लाइन मुक्तसर में समापित होगी।
इस मौके पर मुख्य थाना सिटी अधिकारी अंग्रेज सिंह, थाना सदर प्रभारी बिशन लाल , एएसआई कासिम अली, एएसआई हरमंदर सिंह, एएसआई गुरजंट सिंह जटाना तथा गिद्दडबाहा साइकिल क्लब, मुक्तिसर साइकिल रायडर्स ग्रुप आदि उपस्थित थे। --------------------- विधायकों के बेटे को नौकरी देने का विरोध
जागरण संवाददाता, फरीदकोट
पंजाब सरकार द्वारा दो पूर्व विधायकों के बेटों को पुलिस व राजस्व विभाव में नौकरी दिए जाने का कांग्रेस के बड़े नेताओं द्वारा ही विरोध नहीं किया जा रहा है, बल्कि टकसाली कांग्रेसी वर्करों द्वारा भी विरोध किया जाने लगा है।
विरोध करने वाले कांग्रेस वर्करों की संख्या एक-दो नहीं बल्कि इससे कहीं ज्यादा है। प्रदेश सरकार के मुखिया पर सवाल उठा रहे है कि उन्होंने घर-घर रोजागर देने की बात कहीं थी, परंतु यहां तो रोजगार 33 करोड़ वाले व्यक्ति को दिया जा रहा है। कांग्रेस वर्करों का कहना है कि, प्रदेश सरकार विधायक के बेटे को नौकरी दे, इसमें उन्हें कुछ गलत नहीं लग रहा है, यह सरकार का विशेषाधिकार है। परंतु आम लोगों के लिए भी नौकरी के दरवाजे खोले।
कांग्रेस के टकसाली वर्कर ही नहीं सफाई कर्मियों द्वारा भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए जा रहे है, सफाई कर्मियों का कहना है कि वह लोग पिछले 39 दिनों से पक्की नौकरी की मांग को लेकर हड़ताल किए हुए है, शहर पूरी तरह से गंदगी से जूझ रहा है, परंतु न तो सरकार उनकी बात सुन रही है और न ही समाज के वह लोग जो अपने को समाज का मसीहा कहते है। सरकार नौकरी दे रही है तो अपने विधायक के बेटों की यह सरासर नाइंसाफी है ऐसा नहीं होना चाहिए, सरकार को सबके भले व विकास की बात सोचनी चाहिए।