कथावाचक, रागी और ढाडी जत्थों ने संगत को सुनाया गुरु इतिहास
मिसल शहीद तरनादल के बाबा गज्जण सिंह की प्रेरणा से एतिहासिक गुरुद्रा साहिब में समागम करवाया गया।
संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब
मिसल शहीद तरनादल के बाबा गज्जण सिंह की प्रेरणा से एतिहासिक गुरुद्वारा गुरु का खूह साहिब बादशाही दसवीं की तरफ से नौवें बादशाह श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के शहादत दिवस को समर्पित दो दिवसीय महान गुरमति समागम इलाको की संगत के सहयोग से करवाया गया। गुरुद्वारा साहिब में बिजली की लाइटें और फूलों की लड़ी से सजावट की गई। दो दिवसीय महान गुरमति समागम में पंथ प्रसिद्ध रागी, कथावाचक और ढाडी जत्थों ने संगत को गुरु इतिहास श्रवण करवाया। सिंह साहिब जत्थेदार बाबा गज्जण सिंह, सिंह साहिब जत्थेदार बाबा अवतार सिंह और बाबा बरगद सिंह शहतूत वालों ने हाजरी लगवाई।
समागम के दौरान कथावाचक बाबा बंता सिंह, ढाडी जत्था गुरप्रीत सिंह लांडरा वाले, भाई बलदेव सिंह वडाला पूर्व हजूरी रागी श्री हरमंदिर साहिब, बाबा लहना सिंह दमदमी टकसाल, कथावाचक ज्ञानी गुरविदर सिंह, रागी जत्था भाई जतिदर सिंह और भाई गगनप्रीत सिंह हजूरी रागी श्री मुक्तसर साहिब ने कथा कीर्तन से संगत को गुरु इतिहास श्रवण करवा कर गुरु चरणों के साथ जोड़ा। इसके अलावा सिख इतिहास को दिखाती प्रदर्शनी लगाई गई।
28 नवंबर को प्रात: 11 बजे अमृत संचार हुआ जिसमें 20 प्राणियों को अमृत संचार करवाया गया। सिख विरसा कौंसिल से जसवीर सिंह ने स्टेज सेक्रेटरी की सेवा निभाई। गुरुद्वारा गुरू का खूह साहिब के मुख्य सेवक बाबा मनजीत सिंह ने समागम दौरान पहुंचे रागी, कथावाचक और ढाडी जत्थों को सिरोपा, लोईयां और सम्मान चिह्न देकर सम्मानित किया तथा संगत का धन्यवाद किया। धार्मिक समागम दौरान गुरु कर अटूट लंगर वितरित किया गया।