हजारों में आए बिजली बिल देखकर मजदूरों को आ रहा पसीना
एक तरफ तो कोरोना वायरस के कारण के कारण लोगों के का रुरा हाल है।
संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब
एक तरफ तो कोरोना वायरस के कारण के कारण लोगों के कार्य बंद पड़े हैं वहीं दूसरी तरफ सरकार ने गरीबों के राशन कार्ड बंद कर दिए हैं। इन सबके बीच गरीबों के आए भारी भरकम बिजली के बिलों ने मजदूरों को परेशानी में डाल दिया है।
संगतपुरा निवासी बलविदर सिंह ने बताया कि उसका बिजली का बिल 86, 833 रुपए, रोशनी देवी का 59 हजार 440 रुपए, प्रमोद कुमार का 26 हजार 30 रुपए, बिमला देवी का 37,600 रुपए, सुनीता का 23 हजार, सतीश कुमार का 20 हजार, शांतित का 17 हजार, मूल चंद का 11 हजार, छिदा का 10 हजार तथा तीन राम का साढ़े 26 हजार रुपए बिजली का बिल आया है। उन्होंने कहा कि लॉकडाऊन के दौरान वह बिल नहीं भर सके। जिस कारण अब बिल बहुत ही ज्यादा आया है।
उन्होंने बताया कि एक तो पहले ही उनके कार्य बंद है, लेकिन अब इतने ज्यादा बिल आने के कारण वह इतना बिल भरने में असमर्थ है। उन्होंने बताया कि सरकार ने उनके नीले कार्ड भी बंद कर दिए है जिस कारण उनको अब राशन भी नहीं मिल रहा है। इस कारण उनके भूखे मरने की नौबत तक आ गई है। प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत उनके फार्म भी भरकर दफ्तरों में जमा करवाए गए है लेकिन उन्हें कोई भी पैसा नहीं दिया गया। कई घरों में टायलेट भी नहीं है जिसके लिए उन्हें बाहर जाना पड़ता है।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि स्वच्छ भारत के तहत उनके खाते में पैसे डाले जाएं तथा उनके नीले कार्ड बहाल किए जाएं तथा उनके बिलों की माफी दी जाए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को पूरा ना किया तो आने वाले समय में वह संघर्ष की राह अपनाएंगे।