मार्केट कमेटी ने कृषि सुधार कानून का किया विरोध

मार्केट कमेटी कर्मचारी यूनियन की बैठक वीरवार को राज्य प्रधान अवतार सिंह की अगुआई में हुई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 03 Dec 2020 10:22 PM (IST) Updated:Thu, 03 Dec 2020 10:22 PM (IST)
मार्केट कमेटी ने कृषि सुधार कानून का किया विरोध
मार्केट कमेटी ने कृषि सुधार कानून का किया विरोध

संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब : मार्केट कमेटी कर्मचारी यूनियन की बैठक वीरवार को राज्य प्रधान अवतार सिंह की अगुआई में हुई। इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जो कृषि सुधार लाए गए हैं वो किसान विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि अगर खेती खत्म होगी तो मार्केट कमेटियों का भी अंत हो जाएगा इसलिए हमें किसानों का साथ देना चाहिए। उन्होंने किसानों का समर्थन करते हुए सभी कर्मचारियों को एक-एक दिन का वेतन देने की बात कही। इस पर सभी कर्मचारियों द्वारा समर्थन दिया गया। उन्होंने कहा कि इस बारे में किसान मोर्चा से इस फंड के लिए बात की है। लेकिन किसान मोर्चा के किसानों ने कहा कि वह फंड को एक बार अपने पास ही रखें। जब जरूरत होगी वह उनसे सहायता के लिए मांग लेंगे। इस मौके पर कलगा सिंह जिला प्रधान, पूर्व प्रधान कंवलप्रीत सिंह, हरबंस सिंह, गुरविदर सिंह, वरिदर सिंह, दलजीत कौर, सुरिदर कुमार डिस्को, परमपाल सिंह, मनीष कुमार, हरदीप कुमार आदि उपस्थित थे।

पावरकाम जत्थेबंदियां केंद्र के खिलाफ कल करेंगी प्रदर्शन

श्री मुक्तसर साहिब : पेंशनर्स एसोसिएशन पावरकाम, ट्रांसमिशन सर्कल के प्रधान शंकरदास तथा सर्कल सचिव जोगिदर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों से धक्केशाही कर रहा है। केंद्र सरकार ने तीन कृषि सुधार कानून व 2020 बिजली संशोधन बिल लाकर किसानी को समाप्त करने का प्रयास किया है। देश का अन्नदाता इन कृषि सुधार कानूनों को रद करवाने के लिए बीते दो माह से संघर्ष के रास्ते पर है। लेकिन सरकार के अड़ियल रवैये के कारण किसानों की बात नहीं सुन रहे हैं। किसान कृषि सुधार कानूनों को रद करवाने के लिए सर्दी के मौसम में सड़कों पर बैठने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने हरियाणा सरकार की निदा करते हुए कहा कि हरियाणा की सरकार द्वारा किसानों को रोकने के लिए उन पर अत्याचार किया। लेकिन किसानों ने अत्याचार की परवाह न करते हुए भी अपने संघर्ष को जारी रखा। उन्होंने कहा कि अगर किसानों की मांगों को हल न किया तो पावरकाम की विभिन्न जत्थेबंदियां पांच दिसंबर को किसानों के पक्ष में केंद्र सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन करेंगे।

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