शिवलिग पर जल चढ़ाने से भगवान शिव की होती है विशेष कृपा
मानसून की पहली बारिश के साथ ही सावन माह की शुरुआत हो गई।
संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब
मानसून की पहली बारिश के साथ ही सावन माह की शुरुआत हो गई है। सावन तीन अगस्त को समाप्त होगा।
प्रथम सोमवार से ही मंदिरों में शिव तथा पार्वती की पूजा के लिए भक्तों की लाइनें लग जाती है। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण लोग अपने ही घर में रहकर शिव तथा पार्वती की पूजा करेंगे। प्रशासन द्वारा लोगों को मंदिरों में ज्यादा भीड़ एकत्रित नहीं करने के लिए कहा है।
मान्यता है कि सावन के महीने में शिवलिग की विशेष पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। जो महिलाएं सावन के सोमवार का व्रत रखती हैं उनके पति को लंबी आयु प्राप्त होती है। साथ ही अविवाहित लड़कियों को मनपसंद जीवनसाथी मिलता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सावन में शिवलिग पर जल चढ़ाने से भगवान शिव की विशेष कृपा मिलती है। सबसे पहले जल, दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, गंगा जल और गन्ने के रस से महादेव का अभिषेक किया जाता है। इसके बद बेलपत्र, नीलकमल, कनेर, समीपत्र, दूब, कुश, कमल, राई और फूल चढ़ाए जाते हैं। शिवलिग के अभिषेक के बाद भगवान भोलेनाथ की आरती उतारी जाती है।