हमने तो अपना फर्ज अदा कर दिया : हरसिमरत कौर
खेती बिलों के मुद्दे को लेकर भाजपा से इस्तीफा देकर पहली बार मुक्तसर पहुंची हरसिमरत कौर।
संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब
खेती बिलों के मुद्दे को लेकर भाजपा से इस्तीफा देकर पहली बार पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल मुक्तसर पहुंची। मुक्तसर के दीवान हाल में किसानों के पक्ष में अगले संघर्ष की रूपरेखा तैयार करने के लिए शिअद वर्करों के साथ बैठक की।
हरसिमरत कौर ने कहा कि किसान तथा विपक्षी दल उन्हें ही आरोपी बता रहे है जबकि उन्होंने ने तो अपना फर्ज अदा करते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के बाद देश भर में किसानों का कृषि विधेयकों का मुद्दा केंद्र तक जा पहुंचा है। उन्हें तामिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, बिहार, यूपी से लेकर वेस्ट बंगाल से किसानों के फोन आ रहे हैं। केंद्र का ये फैसला किसान विरोधी है इसलिए किसान केंद्र के विरोध में उतरे हैं। किसान अपनी फसलों की कटाई छोड़ संघर्ष के रास्ते भूखे-प्यासे सड़कों पर बैठे हैं तो किसानों की पार्टी होने के नाते शिअद का भी फर्ज बनता है कि किसानों का साथ दें। इसलिए शिअद ने अपनी गठबंधन पार्टी भाजपा के खिलाफ इतना बड़ा स्टैंड लिया है। शिअद ने किसानों के हक के लिए अपनी भाईवाल पार्टी से नाता तोड़ लिया है जबकि इस मुद्दे पर कांग्रेसी सदन में बिल्कुल भी नहीं बोले। अब किसानों के पक्ष में संघर्ष तेज किया जाएगा। एक अक्टूबर को मोहाली में विशाल स्तर पर धरना प्रदर्शन होगा। इस मौके शिअद विधायक कंवरजीत सिंह रोजी बरकंदी समेत अन्य लीडरशिप ने हरसिमरत कौर बादल को सम्मानित किया। बैठक से पूर्व हरसिमरत कौर बादल ने गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब में नतमस्तक होकर गुरु घर का आशीर्वाद लिया।
शिअद के विधायक कंवरजीत सिंह रोजी बरकंदी ने कहा कि भाजपा अलग चुनाव लड़ने की बात कर रही। इनसे पार्षदों के चुनावों के लिए 17 प्रत्याशी तो एकत्रित होते नहीं यह अलग से चुनाव की बात कर रहे हैं। पार्षदों के चुनावों के लिए प्रत्याशी तो शिअद इन्हें उपलब्ध करवाता है। भाजपाई 17 विधायक कहां से ढूंढेंगे।
इस मौके मलोट के पूर्व विधायक हरप्रीत सिंह कोटभाई, पूर्व विधायक रिपजीत सिंह बराड़, अवतार सिंह वनवाला, मनजिदर सिंह बिट्टू, तेजिदर सिंह मिड्ढूखेड़ा, हीरा सिंह चड़ेवान, हरदीप सिंह डिपी ढिल्लों, हरपाल सिंह बेदी, गोला सोढ़ी, अमनदीप सिंह महाशा, बिदर गोनियाना, काकू सीरवाली, राम सिंह पप्पी, मित्त सिहं बराड़, संजीव धूड़िया आदि मौजूद थे। इनसेट
बैठक के बहाने शक्ति प्रदर्शन
जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं। अलग-अलग पार्टियां अधिक से अधिक लोगों को अपने पक्ष में जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। सोमवार को हरसिमरत कौर द्वारा की गई बैठक के दौरान भी ऐसा ही दिखा। अकाली वर्करों को 2022 के चुनावों के दौरान तैयार रहने के लिए कहा जा रहा था। हालांकि यह बैठक तो एक अक्टूबर को चंडीगढ़ में होने वाली रैली की तैयारियों के लिए की गई थी लेकिन बैठक के दौरान शक्ति प्रदर्शन किया गया तथा अधिक से अधिक भीड़ दिखाने का प्रयास किया गया।