उपभोक्ता फोरम ने शहर वासियों को साफ पानी मुहैया करवाने को कहा

पंजाब राज्य उपभोक्ता फोरम कमिशन चंडीगढ़ ने फाइनल निपटार किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 10:17 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 10:17 PM (IST)
उपभोक्ता फोरम ने शहर वासियों को साफ पानी मुहैया करवाने को कहा
उपभोक्ता फोरम ने शहर वासियों को साफ पानी मुहैया करवाने को कहा

संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब : पंजाब राज्य उपभोक्ता फोरम कमिशन चंडीगढ़ ने फाइनल निपटारा करते हुए छह अप्रैल को जिला उपभोक्ता फोरम मुक्तसर की शिकायत का फैसला किया।

जिला उपभोक्ता फोरम के प्रधान करनैल सिंह आही, सदस्य संदीप कौर तथा सुखविंदर कौर ने कार्यकारी इंजीनियर वाटर सप्लाई एंड सैनीटेशन मंडल नंबर एक तथा दो मुक्तसर तथा प्रधान, कार्यकारी अधिकारी नगर कौंसिल मुक्तसर को 27 सितंबर 2017 को निर्देश जारी करते हुए कहा था कि नगर परिषद के अधिकार क्षेत्र में उपभोक्तओं को पीने वाला साफ सुथरा पानी सुबह पांच बजे से सुबह 10 बजे, दोपहर 12 बजे से दो बजे तक तथा शाम पांच बजे से रात 10 बजे तक जो संभव हो सके तो 24 घंटे पीने वाला पानी सप्लाई किया जाए, सप्लाई लाइनों की लीकेज बंद की जाए तथा नगर कौंसिल पुरानी पाइपों को बदल कर नई पाइपों को डाला जाए। पानी की सप्लाई भारतीय मानक ब्यूरो बीआइएम द्वारा दर्शाई गई 44 प्वाइंट की योग्य लैब से जांच होनी चाहिए। पानी की जांच रिपोर्ट हर तीन माह बाद एक बार अखबारों में प्रकाशित होना चाहिए। तीन वाटर व‌र्क्स के सात स्टोरेज वाटर टैंक हर दो वर्षों बाद साफ किए जाए तथा गारबेज, अन वांटेड प्लांट, सिल्ट निकालने के साथ-साथ कुत्तों तथा लावारिश पशुओं के प्रवेश पर रोक लगाई जानी चाहिए। इस संबंध में उक्त आदेशों की कापी डीसी एमके अराविद को भेजकर हिदायत की जाती है कि उप मंडल मजिस्ट्रेट मुक्तसर की प्रधानगी में कमेटी की स्थापना की जाए। जिसमें सुपरिटेंडेंट पुलिस रैंक का अधिकारी शामिल होंगे। इसके अलावा दो सदस्य शिकायकर्ता, दो समाज सेवी तथा दो संबंधित विभाग के अधिकारी सदस्य शामिल किए जाएं। जो एक अप्रैल 2010 से 31 दिसंबर 2016 तक सभी खर्चों का हिसाब चेक करेंगे तथा जो भी अधिकारी कसूरवार पाया गया उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आही ने यह फैसला सुदर्शन कुमार सिडाना, बलदेव सिंह बेदी तथा गोबिद सिंह दाबड़ा की तरफ से दायर शिकायत नंबर 125 आफ 2015 पर किया है।

इस केस की पैरवी एडवोकेट अशोक गिरधर ने की, जबकि चंडीगढ़ में वरिष्ठ एडवोकेट अशोक कुमार ने पैरवी की।

chat bot
आपका साथी