बस की टक्कर से बाइक सवार की मौत, परिजनों ने लगाया धरना

मलोट रोड स्थित गांव रुपाणा के पास मोटरसाइकिल और बस की टक्कर में मोटरसाइकिल सवार एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 07:12 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 11:13 PM (IST)
बस की टक्कर से बाइक सवार की मौत, परिजनों ने लगाया धरना
बस की टक्कर से बाइक सवार की मौत, परिजनों ने लगाया धरना

रोहित कुमार, मुक्तसर साहिब

मलोट रोड स्थित गांव रुपाणा के पास मोटरसाइकिल और बस की टक्कर में मोटरसाइकिल सवार एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक की पहचान 40 वर्षीय जसविंदर सिंह पुत्र बोहड़ सिंह निवासी गांव गूड़ी संघर के रूप में हुई है।

मामले के अनुसार गांव गूड़ी निवासी जसविदर सिंह बुधवार को गिद्दड़बाहा से सोथा रोड की तरफ से किसी काम से अपनी प्लेटिना मोटरसाइकिल पर गांव रुपाणा आ रहा था। इस दौरान जब वह नेशनल हाईवे पर जाने लगा तो मुक्तसर की तरफ से आ रही एक निजी बस कंपनी की बस नं. पीबी 22 के 4496 ने जसविंदर की बाइक को टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। जबकि बस का कंडक्टर तथा डाइवर बस को छोड़ कर मौके से फरार हो गए। आसपास के दुकानदारों ने गांव चक दूहेवाला पुलिस चौकी को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने बस को कब्जे में लिया। इस संबंध में चौकी इंचार्ज ने कहा कि आरोपित बस चालक को जल्द गिरफ्तार कर लेगी।

मृतक के पारिवारिक सदस्यों व ग्रामीणों ने लगाया जाम

दुर्घटना का जानकारी जैसे ही गांव वासियों तथा परिवारिक सदस्यों को मिली तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर बस चालक तथा कंडक्टर पर कार्रवाई की मांग को लेकर धरना लगा दिया। इस दौरान मृतक जसविंदर के परिजनों में उसका शव पुलिस को नहीं उठाने दिया और उसे सड़क पर रख कर नारेबाजी करते रहे। यह हादसा बुधवार को बाद दोपहर करीब डेढ़ बजे हुई, लेकिन शाम तक साढ़े छह बजे, खबर लिखे जाने तक गांव वासी शव को सड़क पर रख कर कार्रवाई की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन करते रहे।

परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य था जसविंदर

मृतक जसछिदर सिंह के परिजनों ने बताया कि जसछिदर सिंह जो की मेहनत मजदूर करके अपने परिवार का पालन पोषण करता था। उसके परिवार में वही एक कमाने वाला था। परिजनों ने बताया कि मृतक के तीन बच्चे हैं, जिसमें की दो बेटियां था तथा एक बेटा है। बड़ी बेटी की कुछ समय पहले ही शादी हुई है, जबकि उससे छोटी बेटी की उम्र करीब 15 वर्ष तथा बेटे की उम्र लगभग 10 वर्ष है। जसछिदर सिंह की मौत के बाद उसके घर में कमाने वाला कोई दूसरा नहीं बचा है। इसलिए गांव वासियों द्वारा प्रशासन से मृतक की आर्थिक सहायता के लिए भी कहा जा रहा है।

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