जामा मस्जिद में नमाज अदा कर मनाई बकरीद

शहर की ऐतिहासिक जामा मस्जिद व घरों में मुस्लिम भाईचारे के लोगों बुधवार को ईद-उल -अजहा बकरीद मनाया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 11:00 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 11:00 PM (IST)
जामा मस्जिद में नमाज अदा कर मनाई बकरीद
जामा मस्जिद में नमाज अदा कर मनाई बकरीद

संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब : शहर की ऐतिहासिक जामा मस्जिद व घरों में मुस्लिम भाईचारे के लोगों बुधवार को ईद-उल -अजहा बकरीद मनाया। इस अवसर पर जहां जामा मस्जिद में मोहम्मद हासिम ने मुस्लिम भाईचारे को नमाज अदा करवाई वहीं अमन चैन की कामना करते हुए आपस में भाईचारे की कामना का संदेश दिया।

मुस्लिम इंतजामियां कमेटी के चेयरमैन मोहम्मद अशरफ, प्रधान डा. मोहम्मद सईद नेता व सेक्रेटरी अकबर अली ने बताया कि जहां कुछ लोगों ने जामा मस्जिद में नमाज अदा कि वहीं ज्यादातर लोगों ने अपने अपने घरों ही कोरोना हिदायतों की पालना करते हुए यह त्योहार मनाया। इस मौके पत्रकार तरसेम ढुड्डी के छोटे भाई अनवर अली का बीते मंगलवार को थाना सिटी की दीवार गिरने से हुए हादसे में निधन हो जाने व अनवर अली के पुत्र आशिफ अली समेत दो ओर लोगों को गंभीर जख्मी होने पर दुख व्यक्त किया। इस दौरान मुस्लिम भाईचारे ने कहा कि अल्लाह अनवर अली को कर्म खैर की नजर बख्शे व जन्नत में स्थान दें। बकरीद के पावन अवसर पर वाइस चांसलर ईदगाह पहुंचे व मुस्लिम समुदाय को दी बधाई

मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी फरीदकोट के सहयोग से आज बकरीद के पावन अवसर पर ईदगाह सर्कुलर रोड पर पूरे मुस्लिम समुदाय द्वारा नमाज अदा की गयी। इस अवसर पर बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ साइंसेज फरीदकोट के वाइस चांसलर प्रो. डॉ. राज बहादुर ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और पूरे मुस्लिम समुदाय व मौजूद लोगों को ईदगाह की को बधाई दी।

इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीण काला के प्रयासों से आंवला हराड्ड व बेहडा त्रिवेणी के रूप में पौधे वाइस चांसलर प्रो. डॉ. राज बहादुर द्वारा लगाए गए। इस शुभ के लिए समाजसेवी प्रदमनपाल सिंह, गगन पाहवा, नवदीप गर्ग, विकास अरोड़ा, नीरज छाबड़ा, रविदर गर्ग, दविदरपाल सिंह, प्रदीप सिंह, लोकेंद्र शर्मा, गाबा आदि ने पूर्ण सहयोग दिया।

गौरतलब है कि यह ईदगाह एक सदी 9 साल पुरानी है। जिसे कल रात रंग-बिरंगी लाइटों से शानदार ढंग से सजाया गया। इस मंजर को देखकर शहर के हर तबके के लोगों ने खुशी जाहिर करते हुवे अंदर ईदगाह पहुंचकर प्रणाम किया। इस बार एक सदी 9 साल पुरानी ईदगाह रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगाती दिखाई दे रही है।

बॉक्स।

इस अवसर पर हाजी दिलावर हुसैन ने बताया कि बकरीद का त्योहार मुस्लिम समुदाय के लिए बहुत बड़ा व खास पर्व होता है। बकरीद को ईद-उल-जुहा के नाम से भी जाना जाता है। यह त्योहार मीठी ईद यानी रमजान के खत्म होने के करीब 70 दिन बाद मनाया जाता है। बकरीद के मुबारक त्योहार को कुर्बानी के तौर मनाया जाता है। जिसमें बकरे व भेड़ों की कुर्बानी दी जाती है। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार ईद-उल-अजहा पर हजरत इब्राहिम ने अल्लाह के आदेश पर अपने बेटे हजरत इस्माइल की कुर्बानी दी थी। अल्लाह के प्रति श्रृद्धा दिखाते हुए इस मौके पर अपनी सबसे प्यारी चीजों की कुर्बानी दी जाती है। ईद-उल-अजहा के मौके पर अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों को बकरीद की मुबारकबाद भी भेजी जाती है। और उन्हें दावते की जाती है।

chat bot
आपका साथी