आत्महत्या करने वाले बैंक मैनेजर की मां ने दी इंसाफ न मिलने पर जान देने की चेतावनी
। नहर में छलांग लाकर अपनी जान देने वाले निजी बैंक के मैनेजर लखबीर सिंह के मामले में शनिवार को नया मोड़ आ गया।
संवाद सहयोगी.मोगा
नहर में छलांग लाकर अपनी जान देने वाले निजी बैंक के मैनेजर लखबीर सिंह के मामले में शनिवार को नया मोड़ आ गया। उनकी विधवा मां का इंटरनेट मीडिया पर एक भावुक वीडियो सामने आया है। वीडियो में लखबीर सिंह की मां प्रकाश कौर ने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री के नाम चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि जिस बेटे को 22 साल तक विधवा रहकर लोगों के कपड़े सिलकर पढ़ा लिखाकर योग्य बनाया। जब उसे बारात की घोड़ी पर चढ़ना था, कुछ लोगों की साजिश के कारण मौत की बलि पर चढ़ना पड़ा। प्रकाश कौर ने कहा है कि अभी तक विनती कर रही हैं, अगर इंसाफ नहीं मिला तो सरकार के प्रतिनिधियों के सामने ही अपनी जान दे देंगी।
मृतक बैंक मैनेजर की मां का ये भावुक वीडियो शहर के प्रमुख समाजसेवी व पिछले करीब तीस साल से अज्ञात शवों के संस्कार करने की सेवा निभाते आ रहे गुरसेवक सिंह सन्यासी ने अपनी फेसबुक आइडी पर डाला है। प्रकाश कौर ने कहा कि लखबीर सिंह जब नौ साल का था तो उनके पति का निधन हो गया। वे विधवा हो गई, लोगों के कपड़े सिले, बेटे को पढ़ाया, वह बैंक मैनेजर बना। उसकी शादी होने वाली थी, लेकिन उसे जान देनी पड़ी। डेढ़ महीने तक वह पुलिस केस की बात मंगेतर परिवार से छिपाता रहा लेकिन आरोपित जिस प्रकार से लगातार धमकियां दे रहे थे, उसके चलते बात मंगेतर के घर तक पहुंच गई। पनसप के डिप्टी मैनेजर सहोता व पुलिस की धमकियों के बाद मंगेतर के घर में सूचना पहुंचने से अपमानित होने के कारण उसने अपनी जान दे दी। बैंक मैनेजर ने सुसाइट नोट में पनसप के डिप्टी मैनेजर रंजीत सिंह सहोता के साथ ही एएसआइ दिलजीत सिंह का नाम भी साफ तौर पर लिखा है, साथ ही उस पर परेशान करने का आरोप लगाया है। थाना मक्खू पुलिस ने पनसप के डिप्टी मैनेजर के खिलाफ तो केस दर्ज कर लिया,लेकिन एएसआइ को केस में नामजद नहीं किया। पनसप के डिप्टी मैनेजर को भी नामजद करने के बाद पुलिस अभी तक उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी है।
इस मामले में थाना सिटी-1 पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के एएसआइ दलजीत सिंह ने 24 अगस्त को बैंक मैनेजर लखबीर सिंह, कार बाजार संचालक उसके भाई मनप्रीत सिंह सहित छह लोगों पर केस दर्ज किया था। आरोप है कि बाद में एएसआइ ने दबाव बनाकर इस मामले में समझौता करा दिया, पैसों का लेन-देन भी हो गया था। इसके बावजूद पुलिस व सहोता उसे और पैसों के लिए दबाव डाल रहे थे। 12 नवंबर को उसकी शादी होने वाली थी, लेकिन पुलिस की धमकियों से परेशान होकर वह घर से बाहर रहने को मजबूर था। इसके बाद ये सूचना मंगेतर के घर तक भी पहुंच गई थी,जिस कारण शादी टूटने के कगार पर पहुंच गई थी, जिसका जिक्र मृतक ने सुसाइड नोट में भी किया है।