फादर्स-डे पर उपिंदरजीत कौर ने दिया पिता को बड़ा तोहफा

। जिले के पिछड़े क्षेत्र में आते समालसर के शिक्षक दंपती की इकलौती बेटी उपिदरजीत कौर ने फादर्स-डे से ठीक एक दिन पहले पिता को अनमोल तोहफा दिया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 11:19 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 11:19 PM (IST)
फादर्स-डे पर उपिंदरजीत कौर ने दिया पिता को बड़ा तोहफा
फादर्स-डे पर उपिंदरजीत कौर ने दिया पिता को बड़ा तोहफा

जागरण संवाददाता.मोगा

जिले के पिछड़े क्षेत्र में आते समालसर के शिक्षक दंपती की इकलौती बेटी उपिदरजीत कौर ने फादर्स-डे से ठीक एक दिन पहले पिता को अनमोल तोहफा दिया। इस परिवार का कभी कोई सदस्य प्रशासनिक सेवा में नहीं रहा है, लेकिन शिक्षक परिवार की इस बेटी ने पंजाब सिविल सर्विसेज (पीसीएस) में टाप कर पीसीएस अधिकारी बनने के परिवार के सपने को पूरा कर दिखाया।

टाप करने वाली उपिदरजीत कौर का कहना है कि वैसे तो उसकी सफलता में जितना सहयोग पिता स्वर्ण सिंह का रहा है, उतना ही मां का भी है। लेकिन पिता का योगदान इसलिए भी ज्यादा रहा क्योंकि उन्होंने उसे हर कदम पर मोटीवेट ही नहीं किया, बल्कि पीसीएस की तैयारी के लिए जिस प्रकार की पाठ्य सामग्री की जरूरत पड़ी, उन्होंने उपलब्ध करवाई, शायद यही वजह है कि पहले प्रयास में ही सफलता भी मिली, वह भी सबसे ऊंचे पायदान पर आकर।

सरकारी स्कूल राजेयाना में शिक्षक स्वर्णजीत सिह और समालसर के निजी स्कूल में शिक्षक मां बलजीत कौर की इकलौटी संतान उपिदरजीत कौर करी पीसीएस में पंजाब में टाप करने की सूचना जैसे ही मिली तो पूरे परिवार में ही नहीं, बल्कि समालसर कस्बे में उत्सव जैसा माहौल बन गया। बधाइयों का तांता तो शुक्रवार शाम को परिणाम आने के बाद से ही लग गया था, शनिवार को सुबह विधायक दर्शन सिंह बराड़ और डीएसपी बाघापुराना जगविदर सिंह उसे बधाई देने के लिए पहुंचे।

उपिदरजीत कौर कहना है कि समालसर जैसे छोटे शहर में बड़े सपने देखना आसान नहीं है, लेकिन ये सपना उसने पूरे परिवार के साथ देखा था। इसलिए तय कर लिया था कि इस सपने को पूरा करना है। सफलता हासिल करने में सबसे बड़ी बात ये रही है कि माता पिता ने कभी उस पर दबाव नहीं बनाया कि उसे प्रशासनिक सेवा में जाना ही है, बस एक लगन थी, जब भी जिस मैटीरियल की या किसी भी प्रकार की मदद की जरूरत हुई तो पिता ने एक कदम आगे बढ़कर तत्काल वह सब कुछ उपलब्ध कराया जो उसकी तैयारी में मददगार बना। पूरी तैयारी के दौरान सिर्फ एक महीने कोचिग ली थी, बाकी पूरी तैयारी खुद घर पर की थी, परिणाम सबके सामने है।

पहले प्रयास में ही उपिदरजीत कौर बराड़ ने ये सफलता हासिल की है। पंजाब में टाप करने पर सरकारी स्कूल राजेयाना में अध्यापक स्वर्ण सिंह काफी खुश नजर आए। स्टाफ के अन्य सदस्यों ने भी उन्हें बधाई दी। बेटी की सफलता पर उनके घर में बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। छात्रा उपिदरजीत कौर बराड़ अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता दोनों को देती हैं, जिन्होंने उसे अकेली संतान होने के बावजूद जीवन में बेहतर करने की प्रेरणा दी, कभी किसी विशेष क्षेत्र में जाने के लिए दबाव नहीं बनाया। यही वजह है कि वह ये सफलता हासिल कर सकी हैं। समालसर कस्बा मोगा शहर से 40 किलोमीटर दूर जिले का अंतिम कस्बा है।

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