सेवाओं के बोझ से दबे सुविधा केंद्रों पर दो नई सुविधाएं शुरू

पहले ही 356 सेवाओं से बोझ से दबे सेवा केंद्रों पर पंजाब सरकार ने दो और सेवाएं वीरवार से शुरू की हैं। इनमें से एक फार्म टूरिज्म दूसरी बेड एंड ब्रेक फास्ट होम स्टे योजना शामिल की है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 10:26 AM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 10:26 AM (IST)
सेवाओं के बोझ से दबे सुविधा केंद्रों पर दो नई सुविधाएं शुरू
सेवाओं के बोझ से दबे सुविधा केंद्रों पर दो नई सुविधाएं शुरू

सत्येन ओझा, मोगा : पहले ही 356 सेवाओं से बोझ से दबे सेवा केंद्रों पर पंजाब सरकार ने दो और सेवाएं वीरवार से शुरू की हैं। इनमें से एक फार्म टूरिज्म, दूसरी बेड एंड ब्रेक फास्ट होम स्टे योजना शामिल की है। अगर किसी व्यक्ति के पास पुरातन विरासत पर आधारित हवेली, मकान आदि है, वह इसे अतिथि गृह (गेस्ट हाउस) के रूप में बदलना चाहता है तो वह सेवा केंद्रों पर जाकर अपने अतिथि गृह के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकता है। पंजाब में टूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ये योजना शुरू की गई है।

हालांकि पंजाब सरकार के गवर्नेंस एंड रिफो‌र्म्स विभाग के महाप्रबंधक टेक्नीकल विनेश गौतम के हस्ताक्षर से 16 अक्टूबर को लांच की गई इस योजना के बारे में सेवा केंद्रों को भी विस्तृत ढंग से नहीं पता है, सिर्फ रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। सुविधा लेने वालों को क्या करना होगा, किस प्रकार से सुविधा देनी होगी, न तो सरकार के नोटीफिकेशन में इसका जिक्र है न ही जिले के अधिकारी अभी इस पर विस्तार से जानकारी दे पा रहे हैं। क्या है जिले में सुविधा की स्थिति

जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स में औसतन प्रतिदिन विभिन्न प्रकार की सेवाओं के लिए 1200 से लेकर 1300 आवेदन प्रतिदिन आ रहे हैं। इसके लिए 20 काउंटर भी उपलब्ध नहीं है। फिलहाल सेवा केंद्रों पर 356 प्रकार की सेवाएं देने का प्रावधान है। ये पुष्टि सेवा प्रदाता कंपनी के जिला प्रबंधक रोशन भाबरा ने की। दो और सेवाएं बढ़ने के बाद ये संख्या अब 358 हो जाएगी। हालत ये है कि सेवा लेने वालों की सुबह सात बजे से जिला प्रबंधकीय काम्पलेक्स में लाइनें लगना शुरू हो जाती हैं क्योंकि सेवा लेने के लिए टोकन सुबह ही मिलते हैं।सेवा केन्द्र सुबह नौ बजे तक खुलता है, उस समय तक लंबी लाइन लगी होती है। नियमानुसार सेवा केन्द्र के काउंटर पर पहुंचने के बाद कंपनी को सात मिनट से लेकर अधिकतम 27 मिनट में उसे सेवा देकर वापस करना होता है, जबकि सच्चाई ये है कि सुबह टोकन लेने के बाद भी शाम तक सेवा लेने वाले का नंबर आएगा कह पानी मुश्किल है, सिर्फ आवेदन करने के लिए यहां लोगों को कई-कई दिन लग जाते हैं। ये शुरू की हैं नई सुविधाएं

डिप्टी कमिश्नर हरीश नायर के हवाले से डीपीआरओ की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि पंजाब सरकार के सभ्याचार और पर्यटन विभाग से जु़ड़ी दो नई सेवाएं शुरू की गई हैं। इन सुविधाओं के तहत बेड एंड ब्रेकफास्ट होम स्टे योजना में कोई भी व्यक्ति अपने धरोहर भवन को अतिथि गृह के रूप में बदलना चाहता है तो वह दो कैटगरी में अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेगा। गोल्ड कैटगरी में रजिस्ट्रेशन की सरकारी फीस पांच हजार रुपये होगी, जबकि सेवा केंद्र की फीस 50 रुपये होगी। साथ ही सिल्वर कैटगरी में सरकारी फीस तीन हजार रुपये सेवा केन्द्र की फीस 50 रुपये होगी। गोल्ड कैटगरी में अतिथि गृह में ज्यादा सुविधाएं देनी होंगी। इसी प्रकार से फार्म टूरिज्म की सुविधा दी गई है, जिसमें फार्म हाउस को भी अतिथि गृह बनाने की सुविधा है। यहां पर्यटन की ²ष्टि से आने वाले पर्यटकों को ठहरने व भोजन आदि की सुविधा देने का प्रावधान है। इन सुविधाओं से जहां राज्य में पर्यटन बढ़ेगा वहीं लोगों को रोजगार मिलेगा।इन सुविधाओं के प्रचार प्रसार की जिम्मेदारी पंजाब सरकार की होगी। ये है जमीनी हकीकत

सेवा केंद्रों पर हर दिन लंबी लाइन में लोगों को परेशान होते देख एक दिन पहले ही स्थानीय विधायक डा.हरजोत कमल को डीसी से मिलकर मांग करना पड़ी है कि सेवा केंद्रों पर काउंटर की संख्या बढ़ाई जाए। सेवा केंद्रों की जमीनी हकीकत ये है कि ये केन्द्र सुविधा केन्द्र की बजाय असुविधा केन्द्र बनते जा रहे हैं।

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मोगा में क्या हैं टूरिज्म की संभावनाएं

-श्री गुरु गोविद जी ने मुगल शासक औरगंजेब को जिस गुरुद्वारा साहिब से जफरनामा लिखा गया वह गुरुद्वारा साहिब मोगा जिले के दीना साहिब गांव में स्थित है।

-देश की खातिर अपनी जान कुर्बान करने वाले लाला लाजपत राय की जन्मस्थली व स्मारक स्थल मोगा के गांव डुढीके में है।

-हड़प्पा की सभ्यता के दिनों के समय की अष्ट धातुओं से बनी मूर्ति मोगा के जनेर में स्थित है।

-दुनिया को आप्टीकल फाइबर देकर दुनिया को मुट्ठी में रखने की क्षमता देने वाले आप्टीकल फाइबर के जन्मदाता मोगा के हैं। उनका पुराने मोगा में घर व जिस देव समाज स्कूल में पढ़े वह स्कूल अपने आप में एक मिसाल है। ऐसे एक दर्जन के करीब ऐसे स्थल हैं जिन्हें टूरिज्म के रूप में प्रमोट किया जा सकता है।

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