भाजपा पंजाब किसान मोर्चा के प्रभारी गिल ने भाजपा को कहा अलविदा

मोगा भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा पंजाब के प्रभारी त्रिलोचन सिंह गिल ने पार्टी के जिला उपाध्यक्ष सतनाम सिंह गिल जिला महामंत्री सर्दूल सिंह कंग के साथ शनिवार को भाजपा छोड़ने की घोषणा की है। बता दें कि त्रिलोचन सिंह गिल के निवास पर विभिन्न किसान संगठन 12 दिन से कृषि सुधार कानून के विरोध में धरने पर बैठे थे। वहीं त्रिलोचन सिंह गिल के भाजपा को अलविदा कहने की घोषणा के साथ ही किसानों ने भी उनके निवास के बाहर लगाया धरना समाप्त कर दिया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 05:54 PM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 08:01 AM (IST)
भाजपा पंजाब किसान मोर्चा के प्रभारी गिल ने भाजपा को कहा अलविदा
भाजपा पंजाब किसान मोर्चा के प्रभारी गिल ने भाजपा को कहा अलविदा

सत्येन ओझा, मोगा

भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा पंजाब के प्रभारी त्रिलोचन सिंह गिल ने पार्टी के जिला उपाध्यक्ष सतनाम सिंह गिल, जिला महामंत्री सर्दूल सिंह कंग के साथ शनिवार को भाजपा छोड़ने की घोषणा की है। बता दें कि त्रिलोचन सिंह गिल के निवास पर विभिन्न किसान संगठन 12 दिन से कृषि सुधार कानून के विरोध में धरने पर बैठे थे। वहीं त्रिलोचन सिंह गिल के भाजपा को अलविदा कहने की घोषणा के साथ ही किसानों ने भी उनके निवास के बाहर लगाया धरना समाप्त कर दिया। फिलहाल, उन्होंने अभी किसी दूसरी पार्टी को ज्वाइन करने की घोषणा नहीं की है। मगर, भाजपा को अलविदा कहने से एक दिन पहले शुक्रवार को त्रिलोचन सिंह गिल सड़क हादसे में घायल कांग्रेस विधायक डा. हरजोत कमल का हालचाल जानने पहुंचे थे। ऐसे में शनिवार को भाजपा छोड़ने के बाद अब स्थानीय राजनीति में यह चर्चा शुरू हो गई हैं कि गिल का निशाना कहीं निगम में मेयर का पद तो नहीं है। वह पहली नगर निगम में पार्षद भी रहे हैं।

त्रिलोचन सिंह गिल दो बार जिला भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं। दूसरे कार्यकाल में वह बीच में पद छोड़कर विदेश चले गए थे। हाल ही में उन्हें पंजाब प्रदेश भाजपा किसान मोर्चा का प्रदेश प्रभारी बनाया था। वहीं कृषि सुधार कानून के बाद जिस प्रकार से प्रदेश भर में किसानों ने आंदोलन शुरू किया था, उसके बाद से त्रिलोचन सिंह गिल शांत चल रहे थे, मोर्चा स्तर पर किसी प्रकार की गतिविधि देखने को नहीं मिली थी।

बता दें कि त्रिलोचन सिंह ने भाजपा पहली बार नहीं छोड़ी है। इससे पहले भी वह भाजपा को छोड़कर तब अकाली दल को अलविदा कहकर पंजाब पीपुल्स पार्टी बनाने वाले मनप्रीत सिंह बादल की पार्टी में शामिल हुए थे। मगर, यह पार्टी सूबे में ज्यादा असर नहीं दिखा सकी। खुद मनप्रीत सिंह बादल कांग्रेस में शामिल हो गए थे और वर्तमान में वह कैप्टन सरकार में वित्त मंत्री हैं।

स्थानीय राजनीति के जानकार मानते हैं कि भले ही त्रिलोचन सिंह गिल भाजपा में महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं, लेकिन उनके जाने से भाजपा को बड़ा नुकसान होने की संभावना कम ही है। स्थानीय स्तर पर भाजपा की पकड़ हिंदू वोटर पर है, ग्रामीण क्षेत्र में भाजपा अभी जिले में अपनी पैठ नहीं बना पाई है। जिला उपाध्यक्ष सतनाम सिंह व जिला महामंत्री सर्दूल सिंह कंग पार्टी बेशक महत्वपूर्ण पदों पर जरूर थे, लेकिन वे भी शहर में अपनी कोई खास पहचान नहीं बना सके थे।

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किसानों के हक में करूंगा संघर्ष : गिल

त्रिलोचन सिंह गिल का कहना है कि फिलहाल वह किसानों के साथ उनके हक के लिए संघर्ष करेंगे, अभी किसी राजनीतिक पार्टी में जाने की नहीं सोची है।

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पार्टी को कोई असर नहीं : विनय शर्मा

उधर, जिला भाजपा अध्यक्ष विनय शर्मा का कहना है कि किसी के जाने से पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ता है। भाजपा तेजी के साथ शहर ही नहीं गांवों में भी लगातार अपने पैर पसार रही है।

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