मेयर पद की स्थिति हुई साफ, महिला के सिर होगी ताजपोशी

नगर निगम के नये मेयर को लेकर तस्वीर अब लगभग साफ हो चुकी है। मेयर पद महिला को मिलना तय हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 11:09 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 11:09 PM (IST)
मेयर पद की स्थिति हुई साफ, महिला के सिर होगी ताजपोशी
मेयर पद की स्थिति हुई साफ, महिला के सिर होगी ताजपोशी

सत्येन ओझा.मोगा

नगर निगम के नये मेयर को लेकर तस्वीर अब लगभग साफ हो चुकी है। मेयर पद महिला को मिलना तय हो गया है। मेयर के अलावा अन्य महत्वपूर्ण पदों पर पार्टी के वरिष्ठ व दूसरे दल से आए निर्वाचितों का भी ध्यान रखा गया है। निगम की टीम बनाने में संतुलन को साधने का प्रयास किया गया है। जो लोग निगम की बड़ी जिम्मेदारी से वंचित रहे हैं, उन्हें पार्टी संगठन या दूसरे विभागों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का भरोसा दिया गया है। क्योंकि निगम के चुनावों को विधानसभा चुनाव की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।

गौरतलब है कि मेयर के चुनाव को लेकर पिछले काफी समय तक चले घमासान के बाद ये लगभग तय हो चुका है कि मेयर विधायक डा.हरजोत कमल की पसंद का ही बनेगा, इस पद पर ताजपोशी महिला की होनी भी तय है, मेयर के अलावा सीनियर डिप्टी मेयर के पद पर पार्टी के एक वरिष्ठ नेता को सौंपा जाएगा, जबकि डिप्टी मेयर का पद दूसरे दल से आए निर्वाचित पार्षद के खाते में जा सकता है। नगर निगम में इन तीन बड़े पदों के अलावा सबसे शक्तिशाली एफएंडसीसी (वित्त एवं ठेका कमेटी) होती है, इस कमेटी की पावर भी काफी होती है, क्योंकि निगम में पास होने वाले प्रस्ताव वित्त एंड ठेका कमेटी के पास आते हैं, वित्तीय स्वीकृति इसी कमेटी को देनी होती है। इस कमेटी में मेयर के चेयरमैन होते हैं, जबकि निगम कमिश्नर मेंबर सेक्रेटरी के अलावा तीन पार्षद सदस्य होते हैं। कमेटी में किन निर्वाचित पार्षदों को रखा जाना है, ये भी लगभग तय हो चुका है।

गौरतलब है कि निकाय चुनावों की ²ष्टि से जिले के प्रभारी बनाए गए कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु की मौजूदगी में कांग्रेस व उस समर्थक 29 निर्वाचित पार्षदों ने विधायक डा.हरजोत कमल में आस्था जताई थी, सिर्फ निर्वाचित पार्षद अमनप्रीत कौर के पति मंजीत मान ने कहा था कि मंत्री जो भी फैसला करेंगे वे उनके साथ हैं। चूंकि विधायक के पक्ष में बहुमत होने के कारण ये उसी दिन तय हो गया था कि निगम की कैबिनेट विधायक की पसंद के अनुसार बनना तय है, क्योंकि कांग्रेस के 20 निर्वाचित पार्षदों के साथ ही परिणाम के अगले दिन ही 10 आजाद पार्षदों ने विधायक के प्रति अपना समर्थन जताया था। सूत्रों की मानें तो तीन वोट अकाली दल के प्रत्याशियों के भी मिलने तय हैं।

सूत्रों का कहना है कि विधायक ने नगर निगम की जो कैबिनेट का प्रारुप तय किया है, उसे सरकार ने भी मंजूरी दे दी है। इसके पीछे बड़ी वजह ये भी बताई जा रही है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में विधायक को सीधे जनता के बीच में जाना है, यही वजह है कि सरकार भी विधायकों की मर्जी को ही पहल दे रही है, क्योंकि स्थानीय सरकार में विधायक के करीबी होने से वे जनता के कामों को प्रभावी ढंग से कराकर अगले चुनाव में जनता के बीच दमदारी से जा सकते हैं। यही वजह है कि निगम चुनाव के समय जिस प्रकार से विधायक के अपने ही पार्टी में विरोधी खुलकर सामने आ रहे थे, लेकिन निगम के मेयर व उनकी कैबिनेट के फैसले को लेकर विरोधी भी फिलहाल खुलकर सामने नहीं आ पा रहे हैं, ये अलग बात है कि अंदरखाते वे विधायक को पटकनी देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं, लेकिन वे अपने दांव को परिणाम में बदलने के हालत में नहीं है।

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सत्येन ओझा

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