गोपाल गोशाला मंदिर में ठाकुर जी का पूजन कर लिया आशीर्वाद

गोपाल गोशाला मंदिर मे आरती के बाद गो महिमा का वर्णन करते हुए पंडित ने पूजा की।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 05:14 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 06:05 PM (IST)
गोपाल गोशाला मंदिर में ठाकुर जी का पूजन कर लिया आशीर्वाद
गोपाल गोशाला मंदिर में ठाकुर जी का पूजन कर लिया आशीर्वाद

संवाद सहयोगी, मोगा : गोपाल गोशाला मंदिर मे आरती के बाद गो महिमा का वर्णन करते हुए पंडित पवन कौशिक ने गाय की महिमा पर प्रसंग सुनाते हुए बताया गोमाता की महिमा समय-समय पर युग युगांतर में प्रवाहित होती रहती है, जो हमें गो सेवा के लिए प्रेरणा देती है। कामधेनु गाय के महत्व पर प्रकाश डालते हुए पवन कौशिक ने बताया कि एक समय की बात है क्षत्रिय राजा विश्वामित्र अपनी सेना के साथ वशिष्ठ के आश्रम से गुजर रहे थे उनके साथ उनकी पूरी सेना भी थी। सबको भूख और प्यास में सताया हुआ था तब आसपास कोई तालाब या कोई ऐसी व्यवस्था दिखाई नहीं दी, जिससे भूख और प्यास को शांत किया जा सके। कुछ दूर चलने पर उन्हें वशिष्ठ का आश्रम दिखाई दिया। वहां पहुंचने पर वशिष्ठ ने सेना सहित क्षत्रिय राजा विश्वामित्र को आया देख कर के उनका मान सम्मान करते हुए उनकी सेना सहित सभी के लिए उत्तम भोजन और खानपान की व्यवस्था की सभी को बड़ी तृप्ति मिली। विचार करते हुए विश्वामित्र ने सोचा और वशिष्ठ से पूछा ब्राह्मण देवता आप इस छोटे से आश्रम में रहते हैं, लेकिन आपने उनके और सैनिकों के लिए किस प्रकार भोजन की व्यवस्था कर डाली। कुछ ही समय में यह सब कैसे संभव हुआ तो वशिष्ठ कहने लगे राजन उनके पास एक सबला कामधेनु गाय है। उसी की कृपा से यह सब संभव हुआ है क्योंकि कामधेनु का अर्थ ही सभी कामनाओं की पूर्ति करना है। पवन कौशिक ने कहा कि यदि कोई श्रद्धा भाव के साथ गोमाता की सेवा करता है गोमाता उसके समस्त कष्टों का निवारण करती है और उसकी बड़ी से बड़ी कामना को पूर्ण करती है। गोवंश का आर्थिक, वैज्ञानिक, सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, पौराणिक महत्व है। आवश्यकता है इसे श्रद्धा आस्था और भाव से गोसेवा को अपनाने की। इस अवसर पर एसके बंसल, प्रधान श्री चमन लाल गोयल, रमन गोयल, वेदव्यास कांसल, मदन लाल अरोड़ा आदि उपस्थित थे।

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