तीन महीने के बाद चाय के गिरे दाम, व्यापार को लगेंगे पंख

जिले में चाय के व्यापारियों व आमजन के लिए राहत भरी खबर है। जहां पिछले तीन महीने चाय के भाव चरम सीमा पर रहे वहीं अब धीरे-धीरे कम होने लगे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 05:22 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 08:30 AM (IST)
तीन महीने के बाद चाय के गिरे दाम, व्यापार को लगेंगे पंख
तीन महीने के बाद चाय के गिरे दाम, व्यापार को लगेंगे पंख

अश्विनी शर्मा, मोगा : जिले में चाय के व्यापारियों व आमजन के लिए राहत भरी खबर है। जहां पिछले तीन महीने चाय के भाव चरम सीमा पर रहे वहीं अब धीरे-धीरे कम होने लगे हैं। व्यापारियों का मानना है कि अगर इसी तरह दामों में निरंतर बदलाव होता रहा तो उनके व्यापार में बढ़ोत्तरी होने की प्रबल संभावना है। वहीं इसी स्थिति पर आमजन जोकि रिटेलर पर निर्भर रहता है, अब वह भी सस्ती चाय की चुस्कियों का मजा ले सकेगा है। मोगा शहर चाय के व्यापार में प्रदेश में अपनी एक अलग पहचान रखता है, जहां रोजाना बड़ी मात्रा में चाय का थोक का व्यापार होता है। दूसरे राज्यों से आने वाली चाय की खेती में बढ़ोत्तरी के चलते आगामी दिनों में कारोबार और बढ़ने की संभावना है। -200 से 300 रुपये तक पहुंची दाम

बांसल टी-ट्रेडर्स के राजेश बांसल ने बताया कि वह लंबे समय से चाय के थोक व्यापारी हैं और उन्होंने लाकडाउन के दौरान जो दामों में उतार-चढ़ाव देखा व अविश्वसनीय रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन महीनों में अच्छी क्वालिटी की चाय के दाम 200 से 300 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए। इससे व्यापारियों की तो चिता बढ़ने लगी ही थी, साथ ही साथ आमजन को भी महंगाई की मार झेलनी पड़ी। इन्हीं दामों में प्रति किलोग्राम के हिसाब से 20 से 30 रुपये किलोग्राम तक दाम गिरने शुरू हो गए। बता दें कि जनवरी से मार्च तक इसी क्वालिटी की चाय के दाम 160 से 200 रुपये प्रति किलोग्राम थे। इसलिए बढ़े दाम

चाय व्यापारियों के अनुसार लाकडाउन में चाय की डिलीवरी तो समय पर होती रही लेकिन देश में जितने भी चाय के बागान हैं उनमें पिछले तीन महीने से पत्तियों की छंटनी न होने के कारण दामों में जबरदस्त उछाल आया और बागान में लगी चाय की खेती भी खराब हो गई। बता दें कि मोगा में शहर में पश्चिम बंगाल व असम की चाय अधिक मात्रा में आती है तथा शहर में रोजाना 15 हजार किलोग्राम चाय की लागत है। अप्रैल तक दाम पहले ही स्थिति में होंगे

पश्चिम बंगाल व असम के चाय के खेतों में फसल पककर तैयार होने के बाद जब नई पत्तियों की छंटाई हो जाएगी तो अप्रैल तक इसी क्वालिटी की चाय फिर से 160 से 200 रुपये तक पहुंचने की पूरी उम्मीद है। इससे व्यापारियों को व्यापार बढ़ने के साथ-साथ आमजन की चाय की चुस्कियां भी सस्ती हो जाएंगी।

chat bot
आपका साथी