सीएम के लालीपाप से हड़ताल की उम्मीद टूटी, सफाई को लेकर शहर में हालत हुए विस्फोटक

। ठेके व आउटसोर्स पर काम करने वाले व नगर निगम व नगर कौंसिल के मुलाजिमों को रेगुलर करने के बजाय मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने सिर्फ ठेके पर काम करने वाले मुलाजिमों की शर्तों में ढील देने का प्रस्ताव पास किया

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 11:08 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 11:11 PM (IST)
सीएम के लालीपाप से हड़ताल की उम्मीद टूटी, सफाई को लेकर शहर में हालत हुए विस्फोटक
सीएम के लालीपाप से हड़ताल की उम्मीद टूटी, सफाई को लेकर शहर में हालत हुए विस्फोटक

जागरण संवाददाता.मोगा

ठेके व आउटसोर्स पर काम करने वाले व नगर निगम व नगर कौंसिल के मुलाजिमों को रेगुलर करने के बजाय मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने सिर्फ ठेके पर काम करने वाले मुलाजिमों की शर्तों में ढील देने का प्रस्ताव पास किया, आउटसोर्स पर काम करने वाले मुलाजिमों पर कोई विचार नहीं किया गया है, जबकि प्रदेश भर में 15 हजार आउटसोर्स मुलाजिम हैं। वहीं, ठेके पर सिर्फ चार हजार ही काम कर रहे हैं।

मोगा में सभी 150 मुलाजिम आउटसोर्स पर हैं। यही वजह कि मुलाजिमों हड़ताल समाप्त होने की उम्मीद फिलहाल टूट चुकी है, उधर मानसून दस्तक दे चुका है, शहर में सीवरेज पर सफाई की स्थिति अब विस्फोटक बनती जा रही है। मथुरादास नगर, गांधी रोड से जवाहर नगर जाने वाली सड़क, न्यू टाउन आदि कई स्थानों पर सीवरेज लाइन उफनने से सीवरेज का गंदा पानी सड़कों पर भर गया है, गंदगी शहर के हर आबादी वाले इलाके, गली मोहल्ले ही नहीं बाजारों में सड़क किनारे देखी जा सकती है।

शहर में सीवरेज पर सफाई की विस्फोटक होती स्थिति को देखते हुए विधायक डा.हरजोत कमल ने नगर निगम में आउटसोर्स पर काम कर रहे करीब 150 मुलाजिमों को रेगुलर करने की फाइल लेकर चंडीगढ़ में मोर्चा संभाल लिया है, क्योंकि हड़ताल जल्द खत्म नहीं हुई तो मानसून में इस बार शहर डूबेगा क्योंकि हाईवे पर लिक किनारे बन रहे नाले अभी तक आधे अधूरे हैं। इस बार अभी तक मानसून को देखते हुए अभी तक शहर की मानसून पूर्व होने वाली सीवरेज की सफाई नहीं हो सकी है। ऐसे में हड़ताल जल्द खत्म नहीं हुई तो मानसून के दिनों में शहर में स्थिति विस्फोटक हो सकती है, सीवरेज उफने तो सीवरेज का पानी पीने वाले पानी में मिलकर घरों तक पहुंचकर बीमारी का कारण भी बन सकता है, क्योंकि पुराने शहर में 60 साल पुरानी सीवरेज व पाइप लाइन डली होने के कारण जब भी सीवरेज की समस्या बढ़ती है तो सीवेज पीने के पानी में मिलकर घरों तक पहुंचने लगता है। ये होगा बड़ा नुकसान

शहर में पहली बार ऐसा हुआ है जब गली-मोहल्ले की ही नहीं, बल्कि शहर की मुख्य सड़कें भी विधायक डा.हरजोत कमल के प्रयासों से बन चुकी हैं। मानसून अपनी रफ्तार पकड़े उससे पहले शहर की सीवेज लाइन की सफाई नहीं हुई तो जलभराव की समस्या ही गंभीर नहीं होगी, बल्कि नई बनी सड़कें बारिश में टूटने का खतरा भी रहेगा, जो सड़कें 10 साल तक जख्म देती रहीं, मुश्किल से बनी हैं, अगर जलभराव की समस्या से टूटती हैं जो शहर के लिए ये दोहरी मार होगी। क्या है जमीनी हकीकत

शहर हित को देखते हुए हड़ताल पर बैठे मुलाजिमों ने भी अंदरखाते कचरे की एक समय शिफ्टिग शुरू कर दी है, जिससे शहर में बड़े बड़े कचरे के ढेर तो नहीं दिख रहे हैं, लेकिन सफाई न होने से शहर के हर हिस्से में सड़क किनारे गंदगी के छोटे-छोटे ढेर पड़े देखे जा सकते हैं। सीवेज की समस्या भी कई क्षेत्रों में गंभीर होती जा रही है। शहर में हर दिन औसतन 70 टन कचरा प्रतिदिन निकलता है। सफाई न होने से कचरा कुछ कम भले ही निकल रहा है, लेकिन सड़कों पर बिखरा पड़ा है, जो बरसात के दिनों में शहर के लिए गंभीर समस्या बन सकता है।

जल्द मसला होने की उम्मीद है

निगम कमिश्नर अनीता दर्शी का कहना है कि निगम ने पहले भी आउटसोर्स मुलाजिमों को रेगुलर करने का प्रस्ताव पास कर सरकार के पास भेजा हुआ है। अब नए हाउस ने भी दोबारा पुराने प्रस्ताव को मंजूरी के लिए भेजा है, विधायक डा.हरजोत कमल भी लगातार पैरवी कर सकते हैं, उम्मीद है जल्द समस्या का हल हो जाए।

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