ट्रीट हुए बिना पानी नहरों में गया तो होगी सख्त कार्रवाई

। राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की मानीटरिग कमेटी की बैठक में जहां मोगा नगर निगम ने सीवरेज के कारण प्रदूषित होते वातावरण की दिशा में महत्वपूर्ण सुधार कर वाहवाही लूटी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 10:51 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 10:51 PM (IST)
ट्रीट हुए बिना पानी नहरों में गया तो होगी सख्त कार्रवाई
ट्रीट हुए बिना पानी नहरों में गया तो होगी सख्त कार्रवाई

सत्येन ओझा.मोगा

राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की मानीटरिग कमेटी की बैठक में जहां मोगा नगर निगम ने सीवरेज के कारण प्रदूषित होते वातावरण की दिशा में महत्वपूर्ण सुधार कर वाहवाही लूटी तो वहीं कमेटी ने मोगा, फिरोजपुर, फरीदकोट व मुक्तसर साहिब से होते हुए फाजिल्का में पहुंच रहीं 22 नहरों के पानी में प्रदूषण की मात्रा को लेकर गंभीर चिता जताई है। ये पानी जानवरों के पीने योग्य भी नहीं है।

इससे फाजिल्का में भूमिगत जल स्तर में प्रदूषण की मात्रा बढ़ रही है, इस पर चिता जताते हुए मोनीटरिग कमेटी ने फाजिल्का जिले के 10 हैंडपंपों के पानी की 15 दिन में चेकिग करने के निर्देश दिए हैं, अगर हैंडपंप से निकला पानी पीने योग्य नहीं पाया गया तो सभी हैंडपंप बंद कराने के निर्देश दिए हैं।

राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल की निगरानी समिति की यहां जिला प्रबंधकीय काम्पलेक्स के सभागार में हो रही बैठक समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति जसबीर सिंह (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में हुई। बैठक में चिता व्यक्त की गई कि मोगा, फिरो•ापुर, फरीदकोट व श्री मुक्तसर साहिब से गुजरते हुए 22 नहरें जो फाजिल्का में पहुंचती हैं उसमें हर जिले में औद्योगिक इकाइयों व सीवरेज का पानी मिलने से फाजिल्का तक पहुंचते पहुंचते ही ये पानी बहुत ही ज्यादा प्रदूषित हो चुका है, जो पशुओं के पीने योग्य भी नहीं है। बैठक में इन सभी जिलों में लगे वाटर एंड सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में अध्यक्ष न्यायमूर्ति जसबीर सिंह (सेवानिवृत्त) के अलावा समिति सदस्य सेवानिवृत्त मुख्य सचिव एससी अग्रवाल, पर्यावरणविद् संत बाबा बलबीर सिंह सींचेवाल, डा.बाबू राम, डिप्टी कमिश्नर व पांचों जिलों के वाटर एंड सीवरेज के अलावा निकायों के प्रभारी भी शामिल हुए।

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बैठक में न्यायमूर्ति जसबीर सिंह ने बताया कि विक्रम आहूजा बनाम पंजाब राज्य के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने निगरानी समिति को मालवा क्षेत्र में लगातार प्रदूषित हो रहे नहरी पानी की समस्या को हल करने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। खासकर फाजिल्का जिले में स्थिति बहुत ज्यादा खराब है। बैठक में समीक्षा के दौरान बताया गया कि नहरों में सीवरेज का पानी हर जिले में जा रहा था, शहरी क्षेत्र में नाले, नालियों का पानी सीधे नहरों में जाने से लगातार नहरों का पानी प्रदूषित हो रहा है, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगने के बाद स्थिति में पहले की तुलना में सुधार तो हुआ है लेकिन स्थिति अभी भी संतोषजनक नहीं है क्योंकि अभी भी नहरी पानी में मल मूत्र मिल रहा है।

न्यायमूर्ति ने साफ शब्दों में कहा कि इस मामले में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कुछ जिलों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट चालू नहीं हुए हैं, उन्हें तत्काल चालू करने को कहा गया है। न्यायमूर्ति ने ये भी आदेश दिए कि जिन जिलों में अभी तक ठेकेदार ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तैयार नहीं किए हैं, ऐसे ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट कर एसटीपी चालू कराया जाय।

प्रदूषण खत्म कर पैदावार बढ़ाएं

बैठक में ये भी बताया गया कि अभी तक जो रिपोर्ट मिली हैं, उसके अनुसार नालियों और तालाबों से निकलने वाले ठोस तरल कचरे का उपयोग खेती के लिए किया जा सकता है, ये कचरा खेती में खाद का काम करता है। इसका प्रयोग समझदारी से करके प्रदूषण को खत्म करके पैदावार को बढ़ाया जा सकता है। मोगा ने ऐसे किया सुधार

करीब दो लाख की आबादी वाले मोगा शहर में अक्सर ये शिकायत रहती थी कि बुक्कनवाला रोड का 27 एमएलडी का प्लांट ओवरफ्लो रहता है, जिससे सीवरेज का पानी बिना ट्रीटमेंट के नहर व खेतों में जाकर आसपास के क्षेत्र को प्रदूषित कर रहा है। ओवर फ्लो को रोकने के काफी प्रयास किए, सफल नहीं हुए, निगम कमिश्नर अनीता दर्शी ने जब पूरे मामले की जांच कराई तो पता चला कि पेयजल सप्लाई के पानी की काफी मात्रा में बर्बादी हो रही है, उन्होंने जांच रिपोर्ट के अध्ययन के बाद शहर में पानी सप्लाई के घंटे 12 से घटाकर आठ कर दिए तो एसटीपी प्लांट ओवरफ्लो होना बंद हो गया। प्लांट की जांच के बाद इसकी रिपोर्ट भी एनजीटी को भेज दी गई है। डेढ़ लाख की आबादी के लिए 24 एमएलडी का प्लांट चाहिए, जबकि मोगा में दो लाख की आबादी पर 27 एमएमडी का प्लांट होने से फिलहाल यहां की समस्या खत्म हो चुकी है। इस सुधार के लिए मोगा नगर निगम की कमिश्नर अनीता दर्शी को बैठक में शाबाशी भी मिली।

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