एसएमओ ने लगाया सीएमओ दफ्तर के मुख्यद्वार को ताला

। सिविल अस्पताल में सोमवार की भांति मंगलवार को भी डाक्टरों ने सरकारी व निजी ओपीडी न करते हुए पंजाब सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त किया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 10:41 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 10:41 PM (IST)
एसएमओ ने लगाया सीएमओ दफ्तर के मुख्यद्वार को ताला
एसएमओ ने लगाया सीएमओ दफ्तर के मुख्यद्वार को ताला

राज कुमार राजू,मोगा

सिविल अस्पताल में सोमवार की भांति मंगलवार को भी डाक्टरों ने सरकारी व निजी ओपीडी न करते हुए पंजाब सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त किया। वहीं एसएमओ डाक्टर सुखप्रीत सिंह बराड़ ने सीएमओ कार्यालय के मुख्य गेट को ताला लगा दिया। ऐसे में कई लोगों सहित स्टाफ नर्स दो युवतियों का मेडीकल न होने से उन्होंने भी सरकार के खिलाफ रोष जताया ।

वही कई गर्भवतियों समेत अन्य लोगों को उपचार न मिलने के कारण बैंरग लौटना पड़ा जबकि इंमरजैंसी में आए कुछ जरूरतमंदों को डाक्टरों ने सेहत सेवाएं प्रदान करवाई।

यूनियन के पदाधिकारियों में रोष

ज्वाइंट गवर्नमेंट डाक्टर्स कोआर्डिनेशन कमेटी व तालमेल कमेटी के पीसीएमएस एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. गगनदीप सिंह,डा.

कनवीनर तालमेल कमेटी डा. इन्द्रबीर सिंह गिल, डा. अशोक सिगला आदि ने सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त करते हुए कहा कि सेहत मंत्री बलवीर सिंह सिद्धू ने 23 जुलाई को धरने वाले स्थन पर पहुंचकर डाक्टरों से मांगपत्र प्राप्त करते हुए समस्याओं का समाधान करने के लिए शुक्रवार तक का समय दिया था। लेकिन उनकी मांगों पूरी नहीं की गई। डाक्टरों ने कहा कि बुधवार को भी हड़ताल जारी रहेगी। ड्यूटी ज्वाइन करनी थी, नहीं हुआ मेडिकल

सिविल अस्पताल में पिछले दो दिन से निहाल सिंह वाला के गांव खाई से अमृतसर में बतौर स्टाफ नर्स ज्वाइन करने के लिए मेडिकल करवाने के लिए आ रही वीरपाल कौर व कमलजीत कौर ने बताया कि उन्हें सेहत विभाग के अधीन अमृतसर में बतौर स्टाफ नर्स की नौकरी मिली है। विभागीय आदेश अनुसार उनको अपने जिले से मेडिकल करवाना अनिवार्य था। दो दिन से सिविल अस्पताल के चक्कर लगा रही हैं, लेकिन मेडिकल न होने से उन्हें परेशानी से जूझना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को डाक्टरों की मांगें पूरी करनी चाहिए, क्योंकि हड़ताल का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।

गर्भवती का नहीं हुआ अल्ट्रासाउंड

गांव फतेहगढ़ कोरोटाना स्थित ईट भट्ठे पर काम करने वाली मजदूर महिला शारदा ने बताया कि वह अपने परिजनों के साथ पिछले दो दिनों से 8 माह की गर्भवती होने के कारण महिला विशेषज्ञ से जांच करवाने के साथ-साथ अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए आ रही है, लेकिन उसकी यहां पर कोई भी सुनवाई न होने के कारणों से सेहत सेवाएं नहीं मिली है, जिसके कारण वह आज फिर वापस जा रही है ,उसका कहना है कि भले ही सरकार जरूरतमंद व गरीब लोगों को सस्ती व बेहतर सेवाएं देने के दावे करती है, लेकिन किसी न किसी स्तर पर वह बिल्कुल ही फेल हो चुकी हैं ।

इमरजेंसी सेवाएं देना मेरा फर्ज

मंगलवार को निहाल सिंह वाला पहुंची महिला संदीप कौर छाती रोग से पीड़ित थी ,जो उपचार के लिए सिविल अस्पताल में पहुंची, लेकिन ओपीडी में डॉक्टर न मिलने के कारण उसे समस्या महसूस हुई ,वहां से उसे पता चला कि डाक्टर धरना स्थल पर बैठे हैं ,जहां पहुंचने के दौरान एमडी मेडिसिन डा. साहिल गुप्ता ने उसको प्राथमिक उपचार देते हुए दवाएं उपलब्ध करवाई, डा. साहिल गुप्ता ने कहा है कि भले ही वह सरकार के खिलाफ अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं ,लेकिन इमरजेंसी में मरीजों को सेहत सेवाएं देना उनका पहला फर्ज है ।

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