चिकित्सकों के बाद सिविल अस्पताल में मरीज अब पेयजल को भी तरसे

। 170 बेड की क्षमता वाले जिला स्तरीय सिविल अस्पताल में चिकित्सकों की कमी पहले ही थी अब यहां आने वाले मरीज व तीमारदार पीने के पानी को भी तरस रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 09:52 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 09:52 PM (IST)
चिकित्सकों के बाद सिविल अस्पताल में 
मरीज अब पेयजल को भी तरसे
चिकित्सकों के बाद सिविल अस्पताल में मरीज अब पेयजल को भी तरसे

राज कुमार राजू,मोगा

170 बेड की क्षमता वाले जिला स्तरीय सिविल अस्पताल में चिकित्सकों की कमी पहले ही थी, अब यहां आने वाले मरीज व तीमारदार पीने के पानी को भी तरस रहे हैं। सिविल अस्पताल परिसर में लगे सात वाटर कूलर सुबह एक बार भरे जाते हैं जो कुछ घंटे बाद ही खाली हो जाते हैं। बाद में पूरे दिन मरीजों को मेन बाजार में अस्पताल के निकट ही बने श्री गुरुद्वारा साहिब से पीने का पानी लाने को मजबूर होना पड़ता है। सिविल अस्पताल के एसएमओ डा.सुखप्रीत सिंह बराड़ ने भी स्वीकार किया कि पेयजल का संकट है, इसके लिए सरकार को नया ट्यूवबेल लगाने का प्रस्ताव भेजा गया है।

जिले भर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में रोजाना आठ सौ से अधिक लोग ओपीडी में पहुंचते हैं। जिनको पीने के लिए पानी की जरूरत होती है। लेकिन अस्पताल में आए लोगों को गर्मी में प्यास बुझाने के लिए 20 से 25 रुपये की पानी की बोतल खरीदनी पड़ रही है। यही नहीं परिसर मे कार्यरत कर्मचारियों को भी पीने व शौचालयों में पानी की सप्लाई न आने से समस्या पेश आ रही है। बता दें कि सिविल अस्पताल परिसर में मरीजों की जरूरत के अनुसार सात वाटर कूलर लगाए गए है। लेकिन किसी भी वाटर कूलर के लिए पानी की उचित सप्लाई नहीं है। ओपीडी परिसर के आगे यूं तो वाटर कूलर लगा हुआ है, लेकिन वह भी लोगों की प्यास बुझाने में सक्षम नही है।

घरों या बाजार से लाना पड़ता पानी

तीमारदार परमिदर सिंह ने बताया कि अस्पताल में कुछ दिन पहले एक समाजसेवी संस्था द्वारा आरओ लगाया गया था। मौसम के अनुसार पेयजल की खपत ज्यादा होती है। परिसर में लगे छोटे वाटर कूलरों समेत बड़ा आरओ वाटर कूलर लोगों की मांग को पूरा नहीं कर पा रहा है। ऐसे में किसी भी वाटर कूलर से ठंडा तो दूर साधारण पानी भी नहीं मिल रहा। जिसके कारण उन्हें या तो घरों या फिर बाजार से मंहगे दाम पर पीने का पानी लेकर आना पड़ता है।

शौचालय में भी नहीं है पानी का प्रबंध

अर्श मुहम्मद ,दर्शन खान व पप्पा सिंह ने बताया कि वह पिछले दो-तीन दिन से मोगा के सिविल अस्पताल में अपने मरीजों के साथ आ रहे हैं। अस्पताल में लगे किसी भी वाटर कूलर से ठंडा पानी नहीं मिल रहा है, मरीजों के लिए शौचालय जाने के लिए जहां आसपास के इलाकों से पानी लेकर आना पड़ता है। वही पीने के पानी की पूर्ति करने के लिए उन्हें दिन में कम से कम 100 से डेढ़ सौ रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं ।

कांग्रेस सरकार ने किए लोगों से झूठे वादे : धम्मू

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के यूथ उपप्रधान मनजीत सिंह धम्मू ने बताया कि की अकाली सरकार के कार्यकाल के दौरान पंजाब वासियों को बेहतर क्षेत्र सेवाएं प्रदान करवाई गई थी , लेकिन कांग्रेस सरकार द्वारा लोगों से झूठे वादे करके सत्ता हासिल कर ली गई। उन्होंने बताया कि भले ही कांग्रेस के नेताओं व सेहत मंत्री ने अकाली सरकार के कार्यकाल में शुरू हुए गायनी वार्ड को खुद पूरा करवाने की बात कहकर लोगों को लुभाने का प्रयास किया है ,लेकिन सिविल अस्पताल में भर्ती मरीजों को पानी न मिलना उनकी सच्चाई बयां करता है। मौजूदा सरकार व स्थानीय नेताओं के लिए ये शर्म की बात है।

विभाग को भेजा जा चुका है प्रस्ताव

एसएमओ डाक्टर सुखप्रीत सिंह बराड़ ने बताया कि परिसर में पीने के पानी की पूर्ति करने वाला ट्यूबवेल कारगार सिद्ध नहीं हो रहा है। ऐसे में विभाग को लिखित तौर पर नया ट्यूबवेल लगाने का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में परिसर में लगे वाटर कूलरों को सुचारू करवाया जाएगा।

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