श्री राधा कृष्ण मंदिर में शिव महापुराण की कथा करवाई
। स्थानीय फ्रेंड्स कालोनी स्थित श्री राधा कृष्ण मंदिर में श्रावण मास के उपलक्ष्य में महिला कीर्तन मंडल की ओर से शिव महापुराण की कथा का आयोजन किया गया।
संवाद सहयोगी, मोगा
स्थानीय फ्रेंड्स कालोनी स्थित श्री राधा कृष्ण मंदिर में श्रावण मास के उपलक्ष्य में महिला कीर्तन मंडल की ओर से शिव महापुराण की कथा का आयोजन किया गया। सभी भक्तों ने भगवान शिव का पूजन किया।
राघव शुक्ला ने भगवान शिव की अलौकिक कथा का वर्णन करते कहा कि शिव महापुराण मानव प्रकृति को चेतना के चरम तक ले जाने वाला सर्वोच्च ज्ञान है। हम सबको शिव पुराण की कथा का श्रवण करना चाहिए। सावन के महीने में शिव पुराण की कथा सुनने का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम शिव ने ही धरती पर जीवन के प्रचार-प्रसार का प्रयास किया इसलिए उन्हें आदि देव भी कहा जाता है। आदि का अर्थ है प्रारंभ। शिव को आदिनाथ भी कहा जाता है। आदिनाथ होने के कारण उनका एक नाम आदिश भी है। इस आदिश शब्द से ही आदेश शब्द बना है। नाथ साधु जब एक-दूसरे से मिलते हैं तो कहते हैं- आदेश। शिव के अलावा ब्रह्मा और विष्णु ने संपूर्ण धरती पर जीवन की उत्पत्ति और पालन का कार्य किया। सभी ने मिलकर धरती को रहने लायक बनाया और यहां देवता, दैत्य, दानव, गंधर्व, यक्ष और मनुष्य आदि को स्थान मिला। समागम दौरान शिव पार्वती की मनमोहक झांकियां पेश की गई। शिव विवाह की लाला दौरान मेरे भोले बाबा को भिखारी मत समझो, मेरे भोले बाबा के हाथ में डमरू डमरू को देख के मदारी मत समझो, मेरे भोले बाबा के हाथ में त्रिशूल है त्रिशूल को देख के शिकारी मत.आदि भजनों का गायन किया। इस अवसर पर गीता मित्तल, नीरू, शकुंतला,कमलेश, कमलेश राजपूत, रंजू, रेनू, मंजू गोयल हाजिर थे।