अहंकार ही मुनष्य के पतन का कारण बनता है : पं. पवन गौतम
। प्रताप रोड स्थित श्री सनातन धर्म शिव मंदिर में श्रावण शिवरात्रि के उपलक्ष्य में शिव महापुराण की कथा चल रही है।
संवाद सहयोगी,मोगा
प्रताप रोड स्थित श्री सनातन धर्म शिव मंदिर में श्रावण शिवरात्रि के उपलक्ष्य में शिव महापुराण की कथा चल रही है।
पंडित पवन गौतम ने कहा कि शिव महापुराण की कथा से मन में बसा अहंकार दूर होता है सब के अंदर सदोगुण एवं क्षमा की भावना पैदा होती है। मन की मैल इस कथा से धुल जाती है। अहंकार बड़े से बड़े प्राणी का भी विनाश कर देता है। पवन गौतम ने कहा कि धन, उच्च पद, राजसत्ता विद्या बल किसी भी चीज का अहंकार प्राणी में आ जाए तो उस प्राणी को उचित-अनुचित का ज्ञान नहीं रहता। रावण को अपने बल व विद्या का अहंकार था। कंस व दुर्योधन को राजसत्ता का अहंकार था जिस कारण उनका विनाश और दुर्गति हुई । कथा का वर्णन करते हुए पंडित जी ने बताया कि एक बार प्रयागराज में देवताओं ने यज्ञ किया जिसमें ब्रह्मा, विष्णु, महेश एवं अन्य देवता विराजमान थे। प्रजापति दक्ष यज्ञ मंडप में पहुंचे तो ब्रह्मा विष्णु और शिव के बिना सभी देवताओं ने दक्ष को नमस्कार किया है। दक्ष ने भगवान शिव को साधारण देवता समझते हुए अहंकार में आकर उनका अपमान किया। दक्ष अपने उच्च पद के अहंकार में भगवान शिव को भी साधारण समझने लगा जिस कारण दक्ष का शीश काट काट कर वीरभद्र ने अग्नि में जला दिया। उधर, अपना अपमान होता देख भगवान शिव ने क्रोध नहीं किया। पंडित ने कहा कि शिव महापुराण की कथा से हमें क्षमा, त्याग, दया करने की प्रेरणा लेनी चाहिए। कथा की आरती में श्री सनातन धर्म मंदिर एवं इंस्टीट्यूशन प्रबंधक कमेटी के सदस्यों देवेंद्र गुप्ता, मनमोहन कृष्ण जिदल, प्रोफेसर अमरजीत, अशोक बंसल, अमन सिगला, रविद्र गर्ग ने भाग लेकर आए हुए भक्तों का धन्यवाद किया।