एसएफसी स्कूल में मनाया आनलाइन विश्व बाल मजदूर दिवस
गांव फतेहगढ़ कोरोटाना स्थित एसएफसी कान्वेंट स्कूल की ओर से आनलाइन बाल मजदूर दिवस मनाया गया। स्कूल के बच्चों ने लोगों को जागरूक करने के लिए कई आनलाइन गतिविधियां पेश कीं।
संवाद सहयोगी,मोगा
गांव फतेहगढ़ कोरोटाना स्थित एसएफसी कान्वेंट स्कूल की ओर से आनलाइन बाल मजदूर दिवस मनाया गया। स्कूल के बच्चों ने लोगों को जागरूक करने के लिए कई आनलाइन गतिविधियां पेश कीं।
छठी से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों ने बाल मजदूरी से संबंधित पोस्टर बनाए। सिके अलावा नौवीं, 11वीं कक्षा और 12वीं कक्षा के छात्रों ने विश्व बाल मजदूर दिवस पर आधारित वीडियो बनाए। बच्चों ने लोगों को बाल मजदूरी पर रोक लगाने के लिए जागरूक किया। प्रिसिपल मनमिता दास रैना ने कहा कि बच्चे को भगवान का उपहार माना जाता है। उसे परिवार और समाज के साथ देखभाल व स्नेह के साथ पोषित किया जाना चाहिए ना कि सामाजिक व आर्थिक समस्याओं के कारण काम करने के लिए मजबूर किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान ने बच्चों को यह अधिकार प्रदान किया है कि 14 वर्ष से कम उम्र के किसी भी बच्चे को किसी भी तरह के काम पर नहीं लगाया जाएगा। छह से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों के लिए शिक्षा अनिवार्य है और मुफ्त है। स्कूल के डायरेक्टर अभिषेक जिदल ने कहा कि शिक्षा से बाल मजदूरी को दूर भगाएं और अपने देश को अंधकार से बचाएं। पर्यावरण को स्वच्छ रखना हम सभी का फर्ज : लक्की गिल
संवाद सहयोगी,मोगा
मौजूदा समय मनुष्य ने अपने निजी स्वार्थ के लिए प्राकृतिक स्त्रोतों से खिलवाड़ करना शुरू किया हुआ है, जो आगे जाकर बड़ी समस्या का कारण बन सकता है।
ये विचार पर्यावरण प्रेमी एवं समाज सेवी प्रितपाल सिंह लक्की गिल ने शनिवार को पौधारोपण करने के उपरांत व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक स्त्रोतों का नाश करके मनुष्य इस धरती पर अपने लिए गंभीर बीमारियों के रूप में समस्या पैदा कर रहा है। अगर धरती पर इसी रफ्तार से प्रदूषण बढ़ता रहा तो आने वाले समय में यह धरती मनुष्य के रहने लायक नहीं रहेगी। लक्की गिल ने कहा कि पर्यावरण को साफ रखने के लिए धरती पर अधिक से अधिक पौधे लगाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि वातावरण को स्वच्छ रखना हम सभी का सामाजिक फर्ज है।