निगम के एसई, ड्राफ्टमैन और सुपरिटेंडेंट के तबादले

नगर निगम में विवादों में घिरे रहे तीन बड़े अधिकारियों के तबादले पिछले सप्ताह हो चुके हैं। इनमें सुपरिटेंडेंट इंजीनियर राजिदर चोपड़ा बिल्डिग ब्रांच के ड्राफ्टमैन बलकरण सिंह व प्रापर्टी टैक्स व पानी सीवरेज के गलत नोटिस निकालकर चर्चाओं में रहे सुपरिंटेंडेंट बलजीत सिंह के तबादले हो चुके हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 10:42 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 10:42 PM (IST)
निगम के एसई, ड्राफ्टमैन और सुपरिटेंडेंट के तबादले
निगम के एसई, ड्राफ्टमैन और सुपरिटेंडेंट के तबादले

जागरण संवाददाता.मोगा : नगर निगम में विवादों में घिरे रहे तीन बड़े अधिकारियों के तबादले पिछले सप्ताह हो चुके हैं। इनमें सुपरिटेंडेंट इंजीनियर राजिदर चोपड़ा, बिल्डिग ब्रांच के ड्राफ्टमैन बलकरण सिंह व प्रापर्टी टैक्स व पानी सीवरेज के गलत नोटिस निकालकर चर्चाओं में रहे सुपरिंटेंडेंट बलजीत सिंह के तबादले हो चुके हैं। लेकिन अभी तक किसी ने भी पदभार नहीं छोड़ा है। बिल्डिग ब्रांच का ड्राफ्टमैन बलकरण सिंह ने तो अपनी बदली रुकवाने के लिए अपने राजनीतिक आकाओं की शरण ले ली है। हाल ही में निगम की नई गठित कैबिनेट के कुछ जनप्रतिनिधियों से बदली रुकवाने का सिफारिशी पत्र लिखवा लिया है। सूत्रों का कहना है कि शहर में करीब 250-300 अवैध बिल्डिंग, बिल्डिग ब्रांच की मेहरबानी से ही खड़ी कराई गई है। नक्शों के आवेदन कराने के बाद नक्शे मंजूर किए बिना ही बिल्डिगें खड़ी हैं। जो ब्रांच के लिए परमानेंट आय का साधन बनी हुई हैं। यही वजह है कि तबादला होते ही रुकवाने के लिए राजनेताओं की शरण ले ली।

गौरतलब है कि नगर निगम के नए मेयर आने से पहले ही पंजाब सरकार के स्थानीय निकाय विभाग ने नगर निगम के एसई राजिदर चोपड़ा का तबादला कर दिया था। बिल्डिग ब्रांच के ड्राफ्टमैन बलकरण सिंह का तबादला लुधियाना नगर निगम में किया गया है, जबकि सुपरिटेंडेंट बलजीत ढिल्लों का तबादला फगवाड़ा किया गया है। सरकारी गली में खड़ी कर दी इमारत

गौरतलब है कि शहर में बिल्डिग ब्रांच सबसे ज्यादा विवादों में घिरी हुई है। शहर में नियमों का ताक पर बिल्डिगें खड़ी कर दी गई हैं। आनंद नगर में टेलीफोन एक्सचेंज के सामने तो सरकारी गली में ही एक दो मंजिला मकान की बिल्डिग तैयार हो चुकी है। दूसरी मंजिल की फिनिशिग चल रही है। गिल रोड पर भी तीन साल पहले शामलाट की सरकारी जमीन पर बनी दुकानों के ध्वस्त करने के नाम पर बिल्डिग ब्रांच ने सिर्फ शटर उखाड़े हैं। मटावाड़ा वेहड़ा में ही तीन मंजिला बिल्डिग के मामले में निगम ने खुद अपने नोटिस में दो साल पहले माना था कि बिल्डिग को सिर्फ ध्वस्त किया जा सकता है, सेटलमेंट नहीं। दैनिक जागरण में खुलासे के बाद निगम ने बिल्डिग को ध्वस्त करने की बजाय सील करके बचा लिया। लिखवाए सिफारिशी पत्र

सूत्रों का कहना है कि इसी प्रकार से शहर में बनीं अवैध बिल्डिगों के मामलें में निगम के खजाने को भले ही लाखों रुपये का चूना लग रहा है, लेकिन बिल्डिग ब्रांच के लोगों के लिए निजी स्तर पर आय का साधन बनी हुई हैं। यही वजह है कि ऐसे ही मामलों में चर्चा में रहे ड्राफ्टमैन के तबादला होते ही उन्होंने तबादला रुकवाने के लिए दो जनप्रतिनिधियों से सिफारिशी पत्र लिखवा लिए हैं। बिल्डिग ब्रांच के अधिकारियों का कांफीडेंस लेवल इतना है कि उनका कहना है कि तबादला चंडीगढ़ से खुद रुकवा लेगा। वहां सेटिग है। बस जनप्रतिनिधियों के सिफारिशी पत्र चाहिए। टैक्स नोटिसों को लेकर रहे चर्चाओं में

सुपरिंटेंडेंट बलजीत ढिल्लों पहले प्रापर्टी टैक्स के शहर में जारी किए नोटिसों के मामलों को लेकर चर्चाओं में रहे थे। उन्होंने ऐसे लोगों को भी नोटिस जारी कर दिया था जो पहले ही जमा करा चुके थे। हाल ही में पानी की बढ़ी कीमतों के नोटिस जारी कर भी वे काफी चर्चाओं में रहे थे।

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