बिना सैंपल कोविड टेस्ट करने वाला स्कैंडल शहर में सक्रिय

कोविड टेस्ट के नाम पर कुछ पैथोलाजी लैब संचालक लोगों की जिदगी से खेल रहे हैं। महज चार घंटे में कोविड की नेगेटिव रिपोर्ट दी जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 May 2021 07:15 PM (IST) Updated:Sun, 23 May 2021 12:18 AM (IST)
बिना सैंपल कोविड टेस्ट करने वाला स्कैंडल शहर में सक्रिय
बिना सैंपल कोविड टेस्ट करने वाला स्कैंडल शहर में सक्रिय

जागरण संवाददाता, मोगा :

कोविड टेस्ट के नाम पर कुछ पैथोलाजी लैब संचालक लोगों की जिदगी से खेल रहे हैं। महज चार घंटे में कोविड की नेगेटिव रिपोर्ट दी जा रही है। ये पैथ लैब अब तक सैकड़ों लोगों को नेगेटिव रिपोर्ट दे चुके हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग को इसकी रिपोर्ट नहीं भेज रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के संज्ञान में मामला आने पर तीन पैथ लैब की जिला एपिडमोलाजिस्ट डा. मनीष अरोड़ा ने जांच शुरू की है। सिविल सर्जन डा.अमरप्रीत कौर का कहना है कि उनके संज्ञान में आया है कोविड टेस्ट के नाम पर बड़ी गड़बड़ियां हो रही हैं, लिखित शिकायत मिलने पर ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, गलत रिपोर्ट जारी करने वालों को जेल भी जाना पड़ सकता है। क्या है जमीनी हकीकत

इस समय वैक्सीनेशन की कमी के चलते लोग चाहकर भी वैक्सीन नहीं लगवा पा रहे हैं, ऐसे में जिन लोगों को एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में ट्रेवल करना है, वे कोविड की नेगेटिव रिपोर्ट बनवाने के लिए शहर की पैथलैब में संपर्क करना शुरू किया तो कुछ लैब ने इसका फायदा उठाकर लोगों से मनमानी फीस वसूलकर कोविड के टेस्ट करना शुरू कर दिया। हैरानी की बात है कि लाल पैथ जैसी निजी पैथ लैब को जिसे सरकार ने कोविड टेस्ट की मंजूरी दी है वह भी कोविड रिपोर्ट देने में तीन दिन ले रही है, सरकारी अस्पताल में भी आरटीपीसी टेस्ट की रिपोर्ट तीन दिन में मिल रही है।

सूत्रों का कहना है कि शहर की एक मल्टीनेशन कंपनी के मुलाजिमों को बड़ी संख्या में कोविड नेगेटिव की रिपोर्ट एक पैथ लैब ने जारी की है। ऐसी ही कुछ रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने मामले की जांच शुरू कर दी है, क्योंकि ट्रू नेट व एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट 10 से 30 मिनट के अंदर मिल जाती है, लेकिन ये सुविधा अभी सिर्फ सरकारी अस्पतालों में है।

सूत्रों का कहना है कि जो संदिग्ध रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को मिली हैं, उनमें दत्त रोड, चक्की वाली गली एवं अकालसर रोड पर स्थित एक लैब की संदिग्ध रिपोर्टों पर विभाग की खास नजर है। एनआरआइ आ रहे झांसे में

एनआरआइ को 10 हजार रुपये लेकर कोविड नेगेटिव रिपोर्ट दी जा रही है। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली की एक पैथलैब का एजेंट यूके जाने वाले लोगों को जाल में फंसाकर उन्हें बिना सैंपल लिए नेगेटिव रिपोर्ट दे रहे हैं। इन दिनों यूके की स्थायी नागरिकता वाले एनआरआइ के लिए प्लाइट खुली हैं। यही वजह है कि यूके से आये लोगों को वापस लौटने की जल्दी है, इसी कारण वे दलालों के माध्यम से कोविड नेगेटिव रिपोर्ट का सहारा ले रहे हैं।

मंगवाए जा चुके हैं तीन लैब संचालकों के रिकार्ड

सिविल सर्जन डा.अमरप्रीत कौर के आदेश पर जिला एपिडमोलोजिस्ट डा.मनीष अरोड़ा ने शहर की तीन लैब संचालकों से बात कर उनके रिकार्ड मांग चुके हैं कि वे किस आधार पर कोविड टेस्ट कर रहे हैं। अब तक कितनी कर चुके हैं, कितनों की रिपोर्ट नेगेटिव मिली है, कितनों की पाजीटिव। उनसे ये भी पूछा जा रहा है कि अभी तक वे कोविड टेस्ट की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को क्यों नहीं दे रहे हैं।

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