पाइयां तेरे दर ते रहमतां हजारां, तेरा शुक्र गुजारां..
श्री राम शरणम् आश्रम में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। दूर-दूर से साधक मन में आशा और उमंग लिए गुरु चरणों में नतमस्तक होने के लिए हाजिर हुए।
संवाद सहयोगी, मोगा : श्री राम शरणम् आश्रम में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। दूर-दूर से साधक मन में आशा और उमंग लिए गुरु चरणों में नतमस्तक होने के लिए हाजिर हुए। नरेश बजाज ने प्रार्थना सभा का आगाज धुन दीनबंधु दीनानाथ, लाज मेरी तेरे हाथ के गायन से किया। प्रार्थना में प्रदीप भैया ने स्वामी सत्यानंद जी महाराज के अमृत वचन दोहराते कहा कि स्वामीजी कहते हैं कि व्यक्ति अपने कर्म करने में स्वतंत्र है, पर उसका फल भोगने में पराधीन है। हर व्यक्ति जैसा चाहे अच्छे या बुरे कर्म कर सकता है पर जैसे वह कर्म करता है उसका फल उसको वैसा ही मिलता है। उन्होंने कहा कि जिस भी गांव में, नगर में या देश में रहो उसकी सदा सुखशांति की कामना करें। श्री राम शरणम् आश्रम हमारा एक परिवार है। आज अपने आपको भाग्यशाली मानते हैं जो श्री राम शरणम् आश्रम जैसे परिवार के साथ हम जुड़े हैं। हमेशा उसकी उन्नति तरक्की की कामना करनी चाहिए। सेवा, सिमरन और सत्संग में भाव के साथ शामिल होना है व दूसरों को भी प्रेरणा देनी है। आश्रम के भजन गायकों ने अपनी मधुर वाणी में पूरा माहौल रसमयी बना दिया। परी जिदल ने भजन तेरी निगाह में हमें रखना, सीखें हम नेक राह पर चलना, गगन गर्ग ने पाइयां तेरे दर ते मैं रहमत हजारां शुक्र गुजारां तेरा शुक्र गुजारां, के गायन से सब को भाव विभोर कर दिया। अंत में निधि गोयल ने भजन कहंदे रहना, खैर तेथों लेना, आते भी राम बोलो जाते भी राम बोलो राम राम राम का गायन किया।