ब्लूमिग बड्स स्कूल में मनाया श्री गुरु रामदास जी का प्रकाशोत्सव

। ब्लूमिग बड्स स्कूल में ग्रुप चेयरमैन संजीव कुमार सैनी और चेयरपर्सन कमल सैनी की अगुआई में प्रार्थना सभा के दौरान श्री गुरु रामदास जी का प्रकाश पर्व मनाते हुए विद्यार्थियों ने शबद गायन किया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 03:16 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 03:16 PM (IST)
ब्लूमिग बड्स स्कूल में मनाया श्री गुरु 
रामदास जी का प्रकाशोत्सव
ब्लूमिग बड्स स्कूल में मनाया श्री गुरु रामदास जी का प्रकाशोत्सव

संवाद सहयोगी,मोगा

ब्लूमिग बड्स स्कूल में ग्रुप चेयरमैन संजीव कुमार सैनी और चेयरपर्सन कमल सैनी की अगुआई में प्रार्थना सभा के दौरान श्री गुरु रामदास जी का प्रकाश पर्व मनाते हुए विद्यार्थियों ने शबद गायन किया।

इसके उपरांत विद्यार्थियों ने श्री गुरु रामदास जी के जीवन पर रोशनी डाली। उन्होंने बताया कि गुरु साहिब का जन्म श्री हरिदास जी सोढी व माता दया कौर के घर लाहौर में हुआ। प्रिसिपल डा. हमीलिया रानी ने बताया कि गुरु साहिब बहुत ही दयालु व नर्म स्वभाव के थे। उन्होंने कहा कि सिख धर्म में श्री गुरु रामदास जी का बहुत प्रभावशाली योगदान रहा है। उन्होंने बताया कि गुरु रामदास जी ने आनंद कारज की शुरूआत की थी। गुरु साहिब ने हरिमंदिर साहिब के चार दरवाजे बनवाए, उनका यह चार दरवाजे बनाने का यही उद्देश्य था कि इसके रास्ते प्रत्येक धर्म के लिए खुले हैं, बिना कोई रोक-टोक हर व्यक्ति आ-जा सकता है। श्री गुरु रामदास जी ने लंगर की प्रथा चलाई। उन्होंने कई भूले भटके लोगों को सही रास्ता दिखाया। उन्होंने तीस रागों में 638 शबद का उच्चारण किया। उनका विवाह सिख धर्म के तीसरे गुरु अमरदास जी की बेटी बीबी भानी से हुआ। उनके तीन बेटे पृथ्वी चंज, महादेव व अर्जुन साहिब थे। श्री गुरु रामदास जी ने अपने छोटे बेटे अर्जुन साहिब को पांचवें गुरु की उपाधी दी तथा 1581 में ज्योति जोत समा गए।

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