चुनाव घोषणा से पहले ही कांग्रेस की पिच पर सियासी घमासान शुरू

विधानसभा चुनाव 2022 अभी आठ महीने दूर हैं। न तारीख की घोषणा हुई है न चुनावी शंखनाद लेकिन दावेदारों ने अभी से सियासी गोटियां फिट करना शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 11:33 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 11:33 PM (IST)
चुनाव घोषणा से पहले ही कांग्रेस की पिच पर सियासी घमासान शुरू
चुनाव घोषणा से पहले ही कांग्रेस की पिच पर सियासी घमासान शुरू

सत्येन ओझा.मोगा

विधानसभा चुनाव 2022 अभी आठ महीने दूर हैं। न तारीख की घोषणा हुई है न चुनावी शंखनाद, लेकिन दावेदारों ने अभी से सियासी गोटियां फिट करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस पार्टी में दावेदारी को लेकर सबसे ज्यादा घमासान मचा हुआ है।

2017 के विधानसभा चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक दो दोस्तों के रूप में साथ चले कांग्रेस नेताओं की राहें नगर निगम चुनाव आते-आते जुदा हो गईं। विधानसभा चुनाव से पहले दोनों अलग गुटों में बंटे नजर आ रहे हैं। इस बीच में जिला कांग्रेस प्रधान महेशइंदर सिंह के बेटे डीपी सिंह ने दावेदारी की ख्वाहिश लेकर बाघापुराना व निहालसिंह वाला का अपना परंपरागत सियासी गढ़ छोड़कर मोगा की पिच पर सियासी बल्लेबाजी करने के मोर्चा संभाल लिया है। उन्होंने शहर में ही कोठी किराये पर ले ली है, ताकि यहां पर अपनी सियासी गोटियां फिट कर सकें।

कोरोना संक्रमण धीमा पड़ने के बाद अब राजनीतिक दल विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों में जुट गए हैं। हालांकि कोरोना काल में ही राजनेता दूसरों को भले ही कोविड नियमों का पालन करने की नसीहत देते रहे, लेकिन खुद नियमों को उल्लंघन करते रहे। भले ही वे कांग्रेस के मंत्री हों, आप नेता भगवंत मान हों, या फिर शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल। अब कोरोना संक्रमण कमजोर पड़ते ही खुलकर बड़ी बैठकें व सभाएं करनी शुरू कर दी हैं। इन सबके बीच सबसे ज्यादा चर्चा में कांग्रेस के दो पुराने दोस्त विधायक डा.हरजोत कमल व इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन विनोद बंसल के सियासी घमासान है। निगम चुनाव से पहले तक दोनों में दोस्ती इस कदर थी कि शहर में ही नहीं, चंडीगढ़ में ही दोनों साथ जाते थे साथ बैठकों में हिस्सा लेते थे। चंडीगढ़ से लौटते समय पांच महीने पहले जब सड़क हादसा हुआ तभी भी दोनों ही साथ थे, दोनों घायल हुए थे, हालांकि हादसे के घाव तो अब दोनों के लगभग भर चुके हैं, लेकिन निगम चुनाव के दौरान लगे सिसासी घाव के बाद इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन विनोद बंसल ने अपनी राहें जुदा कर ली हैं, वे डा.हरजोत कमल के विरोधी कांग्रेसियों को एक मंच पर एक जुट करने में लगे हुए हैं, इसी प्रयास में पहली बैठक 14 जून को ट्रस्ट के आफिस में हो चुकी है।

निगम चुनाव के बाद शहर की राजनीति में तेजी के साथ सक्रिय हुए विनोद बंसल के दफ्तर में जुटी कांग्रेस की महफिल में जिला कांग्रेस के अध्यक्ष महेशइंदर सिंह, पूर्व मंत्री डा.मालती, मंजीत मान, जिला प्लानिग बोर्ड के चेयरमैन इन्द्रजीत सिंह बीड़ चड़िक जगरूप तख्तूपुरा के बेटे परमपाल, पं.श्यामलाल के बेटे चंचल कुमार, रवि पंडित, गौरव बब्बा, आत्मा नेता, भानुप्रताप, पूर्व जिलाध्यक्ष कर्नल बाबू सिंह मौजूद थे। हालांकि इस महफिल में कोई सियासी चर्चा नहीं हुई, सिर्फ शक्ति प्रदर्शन तक सीमित रहा, लेकिन माना जा रहा है कि ये गुट हरजोत के खिलाफ आने वाले दिनों में मुखर होगा, इस बीच डा.हरजोत कमल के रणनीतिकार इन गतिविधियों पर नजर जरूर रखे हुए हैं, लेकिन उनका पूरा फोकस पूरे विधानसभा क्षेत्र की टीमें तैयार कर लगातार लोगों के संपर्क में रहकर वहां की विकास योजनाओं को जमीन पर उतारने में है। डा.हरजोत के साथ प्लस प्वाइंट ये है कि निगम चुनाव में मिली सफलता के बाद निगम की कमान भी अब उनके हाथ में है। ऐसे में विकास कार्यों को अमलीजामा पहनाकर लोगों में जगह बनाना उनके लिए ज्यादा आसान है, हालांकि कांग्रेस का ये गुट उनके लिए मुसीबत भी बन सकता है।

इस बीच में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व विधायक विजय कुमार साथी ने ऐलान कर दिया है कि अगर कांग्रेस पार्टी उन्हें शहर सीट से टिकट नहीं देगी तो आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे। इसके लिए उन्होंने कमर कस ली है।

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