पुलिस ने हमले के चार दिन बाद दर्ज किया केस, पूर्व सरपंच को दी क्लीन चिट
। मनरेगा योजना में गड़बड़ी का पर्दाफाश करते हुए इंसाफ के लिए अदालत में केस दायर करने की रंजिश का बदला लेने के लिए गांव रामूवाला कलां के पूर्व सरपंच ने अपने चार साथियों के साथ पीड़ित पर हमला कर उसकी दोनों टांगे तोड़ दीं।
संवाद सहयोगी.मोगा
मनरेगा योजना में गड़बड़ी का पर्दाफाश करते हुए इंसाफ के लिए अदालत में केस दायर करने की रंजिश का बदला लेने के लिए गांव रामूवाला कलां के पूर्व सरपंच ने अपने चार साथियों के साथ पीड़ित पर हमला कर उसकी दोनों टांगे तोड़ दीं। ये आरोप स्वयं पीड़ित ने लगाए हैं। पुलिस ने इस मामले में पूर्व सरपंच को केस में नामजद करने के बजाय अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है लेकिन गिरफ्तारी किसी की भी नहीं की। पीड़ित का आरोप है कि पुलिस हमले के आरोपित पूर्व सरपंच का पक्ष ले रही है। उधर, इस मामले की जांच कर रहे सहायक थानेदार सुखपाल सिंह ने बताया कि मामले की जांच थाना प्रभारी ने की है। पूर्व सरपंच हरनेक सिंह व उनकी स्कार्पियो की हमले में कोई भूमिका नहीं है। हैरानी की बात है कि जांच अधिकारी को ये तो पता चल गया कि हमले में पूर्व सरपंच की भूमिका नहीं है लेकिन हमले में कौन लोग शामिल हैं, घटना के पांचवें दिन बाद भी वह इसका पता नहीं कर पाए। थाना मैहना पुलिस ने चार अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
यह है मामला
थाना मैहना में तैनात सहायक थानेदार सुखपाल सिंह ने बताया कि शिकायतकर्ता अंग्रेज सिंह पुत्र महेंद्र सिंह निवासी रामूवाला कलां ने बयान दर्ज करवाए हैं कि 21 अक्टूबर की शाम चार बजे वह सेम नाले के निकट खेतों में पशु चरा रहा था। इसी दौरान पूर्व सरपंच अपनी स्कार्पियो में चार साथियों के साथ सवार होकर पहुंचा। आते ही इन लोगों ने उस पर लाठियों से उस पर हमला बोल दिया। वह गुहार लगाता रहा लेकिन हमलावरों ने उसकी दोनों टांगे तोड़ दीं, आसपास के लोग चीख पुकार सुनकर मौके पर पहुंचे तो हमलावर फरार हो गए।
मथुरादास सिविल अस्पताल में भर्ती पीड़ित अंग्रेज सिंह ने बताया कि वह साल 2018 मनरेगा योजना के तहत काम करता था, लेकिन उस समय के सरपंच ने उसका खाता बदल दिया था। उसकी जगह किसी और व्यक्ति का नाम दर्ज कर दिया गया, जिससे मनरेगा योजना में उसे काम मिलना बंद हो गया। इसके खिलाफ अंग्रेज सिंह ने अदालत में केस दायर कर दिया। अदालत ने निर्णय उसके पक्ष में सुनाया। अंग्रेज सिंह का कहना है कि इस बात को लेकर तत्कालीन कांग्रेस सरपंच उनके साथ रंजिश रखता था। उसी के तहत उस पर हमला किया गया। ये बात उसने पुलिस को अपने बयानों में भी बताई थी लेकिन पुलिस पीड़ित का साथ दे रही है। न पूर्व सरपंच को केस में नामजद किया न ही किसी अन्य को।